Trump Tariff: भारत और अमेरिका की दोस्ती की चर्चा दुनिया भर में होती है. एक बार फिर अमेरिका ने फिर दोस्ती दिखाई है. ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ लगाई है, हालांकि उन्होंने पहले सेट में भारत का नाम नहीं लिया है.
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America News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के दोस्ती के चर्चे दुनिया भर में होते हैं. एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दोस्ती की मिसाल पेश की है. जिसकी जमकर तारीफ हो रही है. ट्रंप ने नए टैरिफ सेट में भारत का नाम नहीं लिया. वहीं मैक्सिको और कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ और चीन पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया है.
व्यापार घाटे का हवाला देते हुए ट्रंप ने टैरिफ लगाया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया है कि चीन, मैक्सिको और कनाडा अमेरिकी व्यापार घाटे में सबसे ऊपर योगदानकर्ता हैं, जिसमें चीन 30.2 प्रतिशत, मैक्सिको 19 प्रतिशत और कनाडा 14 प्रतिशत है, जबकि भारत, जो केवल 3.2 प्रतिशत का योगदान देता है और नौवां सबसे बड़ा योगदानकर्ता है. ट्रंप ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, "कनाडा के साथ 200 बिलियन डॉलर का घाटा और मैक्सिको के साथ 250 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा है.
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार उन्होंने कहा कि भारत की आयात शुल्क नीति समय के साथ आगे बढ़ी है, जिसने घरेलू उद्देश्यों को वैश्विक आर्थिक एकीकरण की आवश्यकता के साथ प्रभावी रूप से संतुलित किया है.
उन्होंने ये भी बताया कि भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि उसकी शुल्क नीतियां विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों और विनियमों के अनुरूप हों. समय के साथ, भारत ने शुल्कों को और अधिक उचित बनाने और उलझे हुए शुल्क संरचनाओं को ठीक करने के कई प्रयास किए हैं. पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट में 17 जनवरी को बताया गया कि अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए 10 प्रतिशत शुल्क और चीन की प्रतिक्रिया के कारण चार वर्षों में अमेरिका के जीडीपी में 55 बिलियन डॉलर की कमी आएगी, और चीन को 128 बिलियन डॉलर का नुकसान होगा.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अमेरिका में मुद्रास्फीति 20 आधार अंकों तक बढ़ सकती है, और चीन में यह 30 आधार अंकों तक बढ़ सकती है. चीन में मुद्रास्फीति का शुरुआती घटाव चीनी मुद्रा के अवमूल्यन को संभालने के लिए चीनी मौद्रिक नीति में किए गए अस्थायी बदलावों का परिणाम था. इसके अलावा, दिसंबर में नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका की व्यापार नीतियों से भारत में आर्थिक वृद्धि हो सकती है, क्योंकि इससे वैश्विक व्यापार में बड़े बदलाव हो सकते हैं.
जहां एक तरफ चीन मैक्सिको सहित अन्य देशों ने इसका विरोध किया वहीं ट्रंप ने कहा कि यह कदम अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम के तहत उठाया गया है. ट्रंप ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताते हुए कहा कि यह अवैध प्रवास और घातक ड्रग्स, जैसे फेंटेनाइल, के प्रवाह को रोकने के लिए आवश्यक है. हालांकि, इस फैसले से अमेरिका में वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो सकती है और व्यापारिक संबंध और अधिक जटिल हो सकते हैं.