DNA Analysis: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में एक मस्जिद के पास महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाए जाने का विरोध कर रही मौलानाओं की गैंग सरेंडर मोड में आ गई है. मूर्ति के विरोध में खड़ी कट्टरपंथी जमात अब आपसी भाईचारे और सद्भाव की बातें करने लगे.
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DNA Analysis: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में एक मस्जिद के पास महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाए जाने का विरोध कर रही मौलानाओं की गैंग सरेंडर मोड में आ गई है. मूर्ति के विरोध में खड़ी कट्टरपंथी जमात अब आपसी भाईचारे और सद्भाव की बात कर मूर्ति लगाने का समर्थन कर रही है. इसके बाद यही कहा जा रहा है कि जिसने अपनी वीरता और साहस से मुगल सम्राट अकबर के पसीने छुड़ा दिए उसके आगे कट्टरपंथी सोच के हिमायतियों की भला क्या चलती. जानिए क्या है पूरा मामला.
सुजानपुर टीरा कस्बे में एक मस्जिद के पास पार्क में महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाई जानी है और जैसा कि आम तौर पर होता है. इस खबर का जैसे ही कट्टरपंथी गैंग को पता चला उन्होंने विरोध के सुर छेड़ दिए. महाराणा प्रताप की मूर्ति लगने से मुस्लिम समाज में नफरती भावना पैदा होने की दलील दी जाने लगी. दो दिन पहले महाराणा की मूर्ति मस्जिद के पास ना लगाए जाने के समर्थन में लोग राग अलापने लगे.
हालांकि महाराणा प्रताप की मूर्ति मस्जिद के पास ही लगाए जाने को लेकर हिंदू संगठन भी अड़ गए. मुगलिया सोच के सामने तनकर खड़े हो गए और महज दो दिन में ही कट्टरपंथी गैंग को समझ आ गया कि मूर्ति को लेकर उनके विरोध की दाल नहीं गलने वाली है. जिसके बाद मस्जिद के पास महाराणा प्रताप की मूर्ति को लेकर आपत्ति जताने वाले मुस्लिम सुधार सभा नाम के संगठन ने नगर परिषद में दायर की गई अपने विरोध की अर्जी वापस ले ली है.
महाराणा प्रताप जिसकी अटल देशभक्ति ने उसकी मौत पर मुगल सम्राट अकबर को भी रोने पर मजबूर कर दिया था. उनकी मूर्ति लगने से भला समाज में नफरत कैसे फैल सकती है. ये बात कट्टरपंथियों को भी थोड़ी देर से ही सही लेकिन समझ में आ गई. देवभूमि हिमाचल में कट्टरपंथी गैंग का नफरती सोच वाला एजेंडा ध्वस्त हो गया. महाराणा के स्टैच्यू के सामने सरेंडर इस बात का इशारा है कि अब धर्मस्थलों की आड़ लेकर महायोद्धाओं पर सवाल नहीं उठाने वाली चाल नहीं चलेगी.