कनाडा के प्रति अब भारत के रुख में नरमी नजर आ रही है. भारत सरकार ने कनाडाई नागरिकों के लिए ई वीजा बहाल करने का फैसला किया है. बता दें कि हरदीप सिंह निज्जर प्रकरण के बाद दोनों देशों के संबंधों में तल्खी आ गई थी.
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Canada E Visa News: करीब 2 महीने के बाद भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए ई वीजा बहाल कर दिया है. इसका अर्थ यह है कि कनाडा के लोग भारत आ सकेंगे. इस संबंध में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा में अब भारतीय दूतावास और उनमें काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए खतरा कम है. लिहाजा इस सेवा को बहाल करने का फैसला किया गया है. ई वीजा पर भी रोक दो महीने पहले जो हालात बने थे उसके मद्देनजर लिया गया था.
जी-20 से लेना देना नहीं
डॉ एस जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वो स्पष्ट करना चाहेंगे कि इसका जी-20 बैठक से लेना देना नहीं है. कनाडा में जिस तरह के हालात बने थे उस सूरत में भारतीय राजनयिकों को काम करना मुश्किल था, लिहाजा भारत सरकार को कड़े फैसला लेना पड़ा. लेकिन अब हालात में सुधार है. उसके बाद कनाडा में हाई कमीशन ऑफ इंडिया ने कनाडाई लोगों के लिए ई वीजा सर्विस शुरू कर दिया है. 22 नवंबर से यह सुविधा सभी कनाडाई नागरिकों के लिए बहाल की गई है. यह उनके लिए जो नियमित या सामान्य पासपोर्ट धारक है, दूसरी श्रेणी के लोगों के लिए फिजिकल यानी कागजी वीजा के लिए आवेदन करना होगा.
हरदीप सिंह केस से आई थी तल्खी
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने संसद में कहा था कि हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारतीय एजेंसियों का हाथ है. उनके इस बयान के बाद दोनों देशों के रिश्ते खराब हो गए. यह रिश्ता और खराब तब हुआ जब एक भारतीय नागरिक को कनाडा से जाने का फरमान सुनाया. ट्रूडो सरकार के इस फैसले के खिलाफ भारत सरकार ने जवाब कार्रवाई की और कनाडाई नागरिकों को भारत छोड़ने का फरमान सुना दिया. ई वीजा पर रोक भी उन कदमों में से एक था. बता दें कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में सरे में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी.
क्या कहते हैं जानकार
जानकार बताते हैं कि कनाडा को इस बात का अहसास नहीं था कि भारत इतना बड़ा कदम उठाएगा. इससे भी बड़ी बात यह है कि हरदीप सिंह प्रकरण में जस्टिन ट्रूडो सरकार को अमेरिका से मदद की उम्मीद थी. लेकिन जमीनी स्तर पर अमेरिका का बयान सिर्फ अनौपचारिक रहा, यानी कि जिस तरह के समर्थन की उम्मीद ट्रूडो को थी उन्हें निराशा हाथ लगी. ऐसी सूरत में कनाडा सरकार को लगा कि भारत के साथ तल्खी को लंबे समय तक बनाए रखना नुकसान वाला सौदा है. वहीं भारत भी इस तरह का संदेश नहीं देना चाहता है कि वो आम कनाडाई नागरिकों के खिलाफ है.