Mauni Amavasya 2025 Vrat Rules (पंडित शशिशेखर त्रिपाठी): मौनी अमावस्या पर 'मौन व्रत' रखने से मन कैसे शुद्ध होता है? यह सवाल आपके मन में भी अक्सर आता होगा. आज इस लेख में आपको इन्हीं सवालों और जिज्ञासाओं का जवाब देने जा रहे हैं.
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What to do on Mauni Amavasya: साल 2025 की पहली अमावस्या 29 जनवरी को पड़ेगी जो इस बार शनि अमावस्या के रूप में आ रही है. माघ मास में शनिवार के दिन पड़ने वाली यह अमावस्या अत्यंत शुभ मानी जाती है और इसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि मान्यता है कि सुबह मौन रहकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और मन शुद्ध होता है.
क्यों रखा जाता है मौन?
मौनी अमावस्या पर श्रद्धालु स्नान से पहले तक मौन रहते हैं. यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का उपाय भी है. मौन रहने से व्यक्ति के विचार शुद्ध होते हैं और आत्मिक शांति की अनुभूति होती है. ऐसा माना जाता है कि मौन धारण करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आत्म-विश्लेषण का अवसर मिलता है.
मौनी अमावस्या का सही पालन कैसे करें?
इस पावन दिन को प्रभावशाली बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करें. 24 घंटे का मौन व्रत धारण करें इससे मानसिक और आत्मिक शुद्धि होती है. बोलकर किए गए जाप की तुलना में मौन रहकर किए गए जाप का प्रभाव कई गुना अधिक होता है. सूर्योदय से पूर्व उठकर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करें. यदि संभव न हो तो घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान के बाद भगवान की पूजा करें और जरूरतमंदों को अन्न वस्त्र और दान दें. इस दिन झूठ बोलने किसी भी प्रकार की नकारात्मकता क्रोध और विवादों से बचें.
मौनी अमावस्या पर किन कार्यों से बचें?
नशे का त्याग करें. तंबाकू गुटखा सिगरेट शराब आदि से दूर रहें.
कम से कम इस दिन इनका त्याग अवश्य करें.
शमशान के पास न जाएं विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को शमशान की ओर जाने से बचना चाहिए.
अमावस्या की रात नकारात्मक ऊर्जाएं अधिक सक्रिय होती हैं, इसलिए देर रात तक बाहर घूमने से भी बचना है.
पूरे दिन शांत रहें और किसी भी तरह के झगड़े से बचें.
स्वास्थ्य कारणों में कैसे करें पालन?
जो लोग अस्वस्थ हैं वे भी इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूर्व दिशा की ओर बैठकर ध्यान लगाएं. सूर्य देव का मन से जाप करें और मौन रहकर मानसिक शांति प्राप्त करें. मौनी अमावस्या केवल एक परंपरा नहीं बल्कि आत्म-शुद्धि और सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा देती है. इस दिन मौन धारण कर स्नान पूजा और दान करके न केवल मन को पवित्र किया जा सकता है बल्कि यह दिन एक नए आध्यात्मिक सफर की शुरुआत भी बन सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)