Taiwan में चीन से निपटने की तैयारी में जुटा अमेरिका, हथियारों को लेकर उठाया बहुत बड़ा कदम
Advertisement
trendingNow11383458

Taiwan में चीन से निपटने की तैयारी में जुटा अमेरिका, हथियारों को लेकर उठाया बहुत बड़ा कदम

Taiwan: जुलाई में ताइवान ने मिलिट्री एक्सरसाइज की थी और अमेरिका ने उस वक्त इसे बहुत बारीकी से मॉनिटर किया था. इस दौरान उन बातों का खासतौर पर ध्यान रखा गया जो चीन के साथ जंग में भारी पड़ सकती हैं.

Taiwan में चीन से निपटने की तैयारी में जुटा अमेरिका, हथियारों को लेकर उठाया बहुत बड़ा कदम

China-US: अमेरिका ने अब ताइवान में चीन से निपटने की तैयार तेजी से शुरू कर दी है. अमेरिकी रक्षा विभाग यानी पेंटागन के अफसर ताइवान में हथियारों का जखीरा जुटा रहे हैं और इसके लिए यहां बड़े-बड़े डिपो तैयार किए जा रहे हैं. गौरतलब है कि जुलाई में ताइवान ने मिलिट्री एक्सरसाइज की थी और अमेरिका ने उस वक्त इसे बहुत बारीकी से मॉनिटर किया था. इस दौरान उन बातों का खासतौर पर ध्यान रखा गया जो चीन के साथ जंग में भारी पड़ सकती हैं. 

सबसे बड़ी कमी क्या है?

अमेरिकी मिलिट्री अफसरों के मुताबिक, अगर चीन किसी वक्त ताइवान पर हमला करता है और उसे घेर लेता है तो इन हालात में ताइवान की फौज के पास हथियार तब तक नहीं पहुंच सकते, जब तक अमेरिका या कोई दूसरा देश रिस्क लेकर इन्हें नहीं पहुंचाता. दूसरे शब्दों में ताइवान चारों तरफ से न सिर्फ घिर जाएगा, बल्कि बाकी दुनिया से भी कट जाएगा.

इसी परेशानी से निपटने के लिए अमेरिका ने ताइवान में हथियारों के डिपो तैयार करने शुरू कर दिए हैं और इसके लिए अमेरिकी वेपन प्रोडक्शन कंपनियां बड़े पैमाने पर जरूरी हथियार बना रही हैं.

चीन का बड़ा एक्शन प्लान

पेंटागन के अफसर अब तक यह अनुमान नहीं लगा पाए हैं कि अगर अमेरिका ने ताइवान की इसी तरह मदद जारी रखी तो चीन क्या एक्शन लेगा. प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने पिछले महीने कहा था अगर ताइवान पर हमला हुआ तो अमेरिका उसकी हिफाजत और मदद दोनों करेगा.

बाइडेन की बात का जवाब चीन के फॉरेन मिनिस्टर वांग यी ने दिया था. वांग ने कहा था, अमेरिका हालात को बहुत हल्के में ले रहा है. ताइवान को हर तरह के हथियार दिए जा रहे हैं और चीन की इस पर पैनी नजर है. चीन की नेवी ने अगस्त में ताइवान की समुद्री सीमा के पास एक्सरसाइज की थी. इस दौरान उसने बैलेस्टिक मिसाइल भी टेस्ट किए थे. इनमें से चार तो ताइवान के ऊपर से निकले थे.

रूस यूक्रेन जंग का भी असर

रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया तो इसके बाद चीन के हौसले भी बढ़ गए. उसे लगा कि अगर रूस कभी अपना हिस्सा रहे ताइवान पर हमला कर सकता है तो चीन अब ताइवान के साथ ऐसा क्यों नहीं कर सकता. 

चीन के इरादे अमेरिका और ताइवान दोनों भांप गए. उसी वक्त चीन की तमाम धमकियों के बावजूद अमेरिकी पार्लियामेंट की स्पीकर नैंसी पेलोसी को ताइवान दौरे पर भेजा गया. इसके बाद दो और अमेरिकी डेलिगेशन यहां पहुंचे. चीन समझ गया कि अमेरिका और ताइवान अब किसी भी तरह के दबाव में आने वाले नहीं हैं. चंद दिन बाद ताइवान ने साफ कर दिया कि अगर चीन के फाइटर जेट्स उसकी सीमा में आए तो उनके खिलाफ एक्शन होगा.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news