कौन हैं परवेश वर्मा, जिन्होंने 10 साल मुख्यमंत्री रहने वाले अरविंद केजरीवाल को दी करारी शिकस्त
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कौन हैं परवेश वर्मा, जिन्होंने 10 साल मुख्यमंत्री रहने वाले अरविंद केजरीवाल को दी करारी शिकस्त

Parvesh Verma: भारतीय जनता पार्टी हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में भी शानदार जीत हासिल कर ली है और लगातार पिछले तीन चुनाव जीतने वाली आम आदमी पार्टी को बुरी तरह हरा दिया है. यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी अपनी सीट नहीं बचा पाए.

कौन हैं परवेश वर्मा, जिन्होंने 10 साल मुख्यमंत्री रहने वाले अरविंद केजरीवाल को दी करारी शिकस्त

Who is Parvesh Verma: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने लगभग एकतरफा जीत हासिल कर इतिहास रच दिया है. बात सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रही कि भाजपा सत्ता में वापसी कर रही है, बल्कि हैरानी की बात यह भी है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट भी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. काफी उठ-पटक के बाद आखिर में 10 साल तक सीएम रहने वाले केजरीवाल को हरा ही दिया. 

दिल्ली के सीएम रह चुके हैं परवेश वर्मा के पिता

परवेश वर्मा दिल्ली के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से हैं, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाने वाले साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं. इसके अलावा उनके चाचा आजाद सिंह ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर के रूप में काम किया और 2013 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के टिकट पर मुंडका निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा.

परवेश वर्मा की शिक्षा

1977 में जन्मे परवेश वर्मा ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल आरके पुरम से पूरी की और उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने फोर स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट से एमबीए किया. 

राजनीति में एंट्री

राजनीति में उनकी एंट्री 2013 में हुई थी जब उन्होंने महरौली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए दिल्ली विधानसभा में जीत हासिल की. ​​उन्होंने 2014 में पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट जीतकर पार्टी में अपनी स्थिति और मजबूत किया. इसके बाद 2019 में फिर से चुनाव में भारी जीत हासिल की, जहां उन्होंने 5.78 लाख वोटों के अंतर से जीत मिली थी. हैरानी की बात यह है कि वो चुनाव थे जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की आंधी देखने को मिल रही थी.

सांसद के तौर पर खुद को किया मजबूत

​​सांसद के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संसद सदस्यों के वेतन और भत्ते पर JPC के भी सदस्य रहे हैं और शहरी विकास पर स्थायी समिति में काम किया. 2025 के दिल्ली चुनावों से पहले परवेश वर्मा ने 'केजरीवाल हटाओ, देश बचाओ' नामक एक मुहिम शुरू की, इस अभियान के तहत उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार की जमकर आलोचना की और उन वादों को गिनवाया जो AAP सरकार पूरे नहीं कर पाई.

केजरीवाल के खिलाफ छेड़ी मुहिम

अपने अभियान में वर्मा ने दिल्ली सरकार के प्रशासनिक प्रदर्शन की कड़ी निंदा की, खास तौर पर प्रदूषण संबंधी चिंताओं, महिलाओं की सुरक्षा और नागरिक बुनियादी ढांचे के विकास से निपटने के उनके तरीके पर हमला बोला. उन्होंने खास तौर पर यमुना नदी को साफ करने के प्रति उनकी AAP सरकार के वादे की तरफ लोगों का ध्यान दिलाया, जो शहर के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती बनी हुई है.

परवेश वर्मा की पर्सनल लाइफ

परवेश वर्मा की शादी स्वाति सिंह वर्मा से हुई है, जो मध्य प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेता विक्रम वर्मा की बेटी हैं. विक्रम सिंह राज्यसभा में सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा 2002 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में युवा और खेल मामलों के मंत्री भी रह चुके हैं. परवेश और स्वाति के तीन बच्चे हैं, एक बेटा शिवेन सिंह और दो बेटियां सानिधि और प्रिशा हैं.

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