Elections 2025: क्या है RSS का प्लान 2B? बिहार मॉडल की अंदरखाने हो रही चर्चा
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Elections 2025: क्या है RSS का प्लान 2B? बिहार मॉडल की अंदरखाने हो रही चर्चा

RSS News: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में आरएसएस (RSS) की ओर से खुली बैटिंग न होने की वजह से बीजेपी को नुकसान हुआ वो अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी.

Elections 2025: क्या है RSS का प्लान 2B? बिहार मॉडल की अंदरखाने हो रही चर्चा

RSS 2 B Plan: हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली में चुनावी हैट्रिक के बाद RSS अब बिहार जीतने के प्लान पर एक्टिव हो गई है. बिहार में कमल खिलाने के लिए. आरएसएस का नया मिशन शुरू हो चुका है. इसे आप मिशन-त्रिशूल भी कह सकते हैं. त्रिशूल इसलिए क्योंकि सूत्रों के मुताबिक RSS की पूरी तैयारी. तीन मुद्दों के इर्द-गीर्द रहने वाली है. वो 3 बड़े मुद्दे क्या हैं और संघ की तैयारी. क्या वाकई बिहार विधानसभा चुनाव का मनचाहा परिणाम दिला सकती है पढ़िए ज़ी न्यूज़ की EXCLUSIVE रिपोर्ट में

क्या है संघ का मिशन 2B?

संघ के मिशन 2B का फुल फॉर्म आपको बता दें कि इसका मतलब बिहार और बंगाल है. बंगाल में बीजेपी बीते 10 सालों में मजबूत होकर 3 से 78 तक पहुंच गई है. वहां संघ को भी अपना आधार और मजबूत करना है. ऐसे में संघ ग्रास रूट लेवल पर बंगाल में मजबूत होगा तो उसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है. 

बिहार की चुनौती अलग

अब कुछ राजनीतिक विश्वेषकों का कहना है कि आरएसएस का प्लान 2B उसकी अपनी सोच है, लेकिन वो 1B पर ही कामयाब होता दिख रहा है क्योंकि बिहार के राजनीतिक समीकरण अलग हैं और वहां नीतीश कुमार हैं. जेडीयू और बीजेपी की चलती सरकार में ज्यादा प्रयोग की गुंजाइश नहीं है. इसके बावजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अब बिहार फतह की मुहिम तेज कर दी है.

1BIHAR+1BENGAL = 2B

बिहार विधानसभा चुनाव के शंखनाद में वैसे तो 8 महीने बचे हैं.लेकिन RSS ने अभी से मोर्चा संभाल लिया है. सूत्रों के मुताबिक RSS का फोकस खासकर तीन मुद्दों पर सबसे ज्यादा है.

पहला - सर्वे के जरिए नाराज वोटर्स और मुद्दे की पहचान की.
दूसरा - कौन सा मुद्दा ज्यादा प्रभावी है यह देखा जाएगा.
तीसरा - बीजेपी को किस मुद्दे से फायदा और किससे नुकसान होगा ये देखेगा.

संघ की रणनीति

यह सर्वे बेहद गुप्त तरीके से किया जा रहा है. राजनैतिक विश्लेषक संजय कुमार का मानना है कि संघ के स्वयंसेवकों के लिए संपर्क का सबसे बढ़िया माध्यम उनकी शाखा है. अन्य विश्लेषकों का मानना है कि संघ के स्वयंसेवक अपने प्रेमी जीव होने के चलते अपने व्यवहार से अनजान लोगों के बीच भी गहरी दोस्ती और संपर्क बना  लेते हैं. चुनावी साल में राज्य भर में शाखाओं की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. बिहार को दो हिस्सों में बांटा गया है. उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार . मार्च में संघ की बड़ी बैठक होनी है . हर एक बूथ का सर्वे कराकर उसे मजबूत बनाया जाएगा.

बिहार चुनाव बीजेपी के लिए इस बार बेहद अहम है क्योंकि उत्तर भारत में बिहार ही एक ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी खुद के दम पर अब तक सरकार नहीं बना पाई है. इससे इतर आरएसएस, पश्चिम बंगाल में बीजेपी के लिए खुलकर बैटिंग कर रहा है. हाल ही में संघ प्रमुख ने बंगाल की धरती से लोगों से अपील की थी कि आरएसएस को समझने के लिए कृपया हमारे पास एक बार तो आइए, हम आपको निराश नहीं करेंगे.

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