Jammu And Kashmir Climate Change: जम्मू कश्मीर के में पिछले कुछ समय से पानी की भारी कमी हो रही है. जल संकट से जूझ रही घाटी को लेकर सीएम उमर अब्दुल्ला ने समाधान निकालने की बात कही है.
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Jammu And Kashmir Climate Change: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जल संकट गहरा रहा है. घाटी में साल के पहले दो महीनों में 83% कम बारिश हुई है. मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी सहमति जताई कि जम्मू-कश्मीर इस साल जल संकट का सामना कर रहा है. इसको लेकर उन्होंने जल शक्ति विभाग की ओर से स्थिति से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा करने की बात कही.
जल संकट का सामना कर रहा कश्मीर
उमर अब्दुल्ला ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X'पर एक पोस्ट में कहा कि जम्मू-कश्मीर इस साल जल संकट का सामना कर रहा है. उन्होंने लिखा,' यह कोई हालिया घटना नहीं है. यह वास्तव में पिछले कुछ सालों से बन रही है.
J&K is staring at a water crisis this year. It’s not a recent phenomenon, actually it’s been building up for a few years now. While the government will have to adopt a more proactive approach for water management & conservation, it can’t just be a government centric approach. All…
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 19, 2025
उमर ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार अकेले इस संकट से नहीं निपट सकती और लोगों को जल संरक्षण के लिए कदम उठाने की जरूरत है.'
समस्या का निकालेंगे हल
उन्होंने कहा,' हालांकि सरकार को जल प्रबंधन और संरक्षण के लिए अधिक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना होगा, लेकिन यह केवल सरकार-केंद्रित दृष्टिकोण नहीं हो सकता. हम सभी जम्मू-कश्मीर के निवासियों को पानी को लेकर अपने नजरिए को बदलना होगा.' सीएम ने आगे कहा कि वे जल शक्ति विभाग की ओर से विकासशील संकट से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा करेंगे और अगले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर के लोगों से बात करेंगे कि सामूहिक रूप से क्या किया जा सकता है.
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कश्मीर में हो रही पानी की कमी
कश्मीर में पानी की भारी कमी होती जा रही है, कई झरने या तो सूख गए हैं या उनका जल स्तर बहुत नीचे चला गया है, यहां तक कि कश्मीर की जीवन रेखा झेलम नदी में भी इस साल सबसे कम जल स्तर है. साल 2025 के पहले 50 दिनों में जम्मू-कश्मीर में 83 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिससे आने वाले महीनों में गंभीर जल संकट का खतरा पैदा हो गया है. 1 जनवरी, 2025 से 20 फरवरी तक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में सामान्य वर्षा 175.8 मिमी के मुकाबले केवल 29.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है. लद्दाख के कारगिल में 2025 में शून्य प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि आंकड़ों से पता चलता है कि जिले में 100 प्रतिशत की कमी देखी गई है. जल शक्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और स्थिति बिगड़ने पर पहले से ही एक आकस्मिक योजना तैयार कर ली है. वहीं उन्होंने लोगों से भी सहयोग करने और पानी को बरबाद किए बिना सावधानी से इस्तेमाल करने की अपील की है.