Varanasi Hindi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा आरती कराने वाली संस्थाओं को अब किराया देना होगा. नगर निगम ने गंगा घाट नियमावली 2025 बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों किया गया?
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Varanasi Hindi News: वाराणसी में होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती को लेकर प्रशासन अब सख्त रुख अपना रहा है. देव दीपावली के बाद, अब दैनिक गंगा आरती को व्यवस्थित करने के लिए वाराणसी नगर निगम ने गंगा घाट नियमावली 2025 तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत गंगा आरती कराने वाली संस्थाओं को किराया देना होगा.
नगर आयुक्त ने बताया कि वाराणसी के 84 घाटों में से एक दर्जन से अधिक घाटों पर हर सुबह और शाम गंगा आरती होती है. दुनियाभर से आने वाले पर्यटक इन आरतियों को देखने आते हैं, लेकिन कई बार घाटों पर गंदगी और अवैध अतिक्रमण के कारण शहर की नकारात्मक छवि बनती है.
नगर निगम के मुताबिक, गंगा आरती के आयोजनों में सरकारी जमीन का उपयोग होता है. ऐसे में आरती आयोजकों से किराया वसूलने और गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने की योजना बनाई जा रही है. इसके जरिए आरती स्थलों की सफाई और सुव्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया जाएगा,
गंगा घाटों पर गंदगी और नुकसान पर जुर्माना
वाराणसी में गंगा घाटों पर गंदगी करने और नुकसान पहुंचाने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा रहा है. जिम्मेदारों पर 200 से 5000 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा, आरती स्थल की सुव्यवस्थित देखभाल करना अनिवार्य होगा. नई नियमावली लागू होने के तीन महीने के भीतर आरती कराने की अनुमति लेनी होगी. किसी भी संस्था को एक साल के लिए अनुमति दी जाएगी, जिसके बाद पुनः औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी.
नियमावली के उद्देश्य
गंगा घाटों पर स्वच्छता सुनिश्चित करना.
अवैध अतिक्रमण पर रोक लगा.
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