Milkipur Byelection 2025 Result: मिल्कीपुर सीट पर बीजेपी कुंदरकी वाला कमाल दोहराती हुई नजर आई. बीजेपी उम्मीदवार चंद्रभान पासवान बाजी मारते हुए दिख रहे हैं. सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद पर उन्होंने बंपर बढ़त हासिल की है.
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Milkipur Byelection 2025 Result: अयोध्या में मिली हार का बदला बीजेपी ने मिल्कीपुर में बंपर जीत के साथ लेती दिख रही है. बीजेपी उम्मीदवार चंद्रभान पासवान ने सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद पर बड़ी बढ़त हासिल की है. मिल्कीपुर में भगवा लहराने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद बागडोर संभाली थी और दर्जनों मंत्रियों की ड्यूटी चुनाव प्रचार के लिए यहां लगाई गई. जिसका असर परिणामों में दिखा है.
लोकसभा चुनाव के बाद ट्रैक से उतरी साइकिल?
लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली बंपर जीत से सपा गदगद थी. अयोध्या में भी सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने बीजेपी को धूल चटाई लेकिन उपचुनाव में सपा का प्रदर्शन फीका पड़ गया. हाल में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में उसे केवल 2 सीट (करहल और सीसामऊ) में जीत मिली. यहां भी जीत का अंतर घटा है. वहीं अब मिल्कीपुर में पिछड़ने के बाद सपा पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर क्या वजह रही कि पार्टी लड़खड़ाती दिख रही है.
मिल्कीपुर में सपा की हार की वजह
9 सीटों पर उपचुनाव में हार के बाद अब मिल्कीपुर सीट भी सपा के हाथ से फिसलती दिख रही है. बीजेपी ने यहां भी कुंदरकी वाला कमाल दोहराया है. सपा का मिल्कीपुर का अभेद किला आखिर कैसे ध्वस्त हो गया, इसको लेकर भी सवाल खड़े होना शुरू हो गये हैं. सपा ने 6 महीने पहले ही मिल्कीपुर में उपचुनाव के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी. सपा ने मिल्कीपुर से विधायक रहे अवधेश प्रसाद के फैजाबाद सीट से सांसद बनने के बाद उनके बेटे अजीत प्रसाद को यहां से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन यह दांव भी काम नहीं किया.
क्या अति आत्मविश्वास पड़ा भारी?
सपा के पीछे रहने की वजह अति आत्मविश्वास भी माना जा रहा है. मिल्कीपुर सीट को यहां के सियासी समीकरण के चलते सपा सेफ सीट मानकर चल रही थी. अवधेश प्रसाद के लोकसभा चुनाव जीतने से गदगद सपा ने मिल्कीपुर की कमान सांसद अवधेश प्रसाद को सौंपी और उनके बेटे को उम्मीदवार बनाया लेकिन वह पिता की सीट बचाने में सफल होते नजर नहीं आ रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने इस सीट पर चुनाव से पहले ही मोर्चे बंदी शुरू कर दी थी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सीट पर ताबड़तोड़ रैलियां कीं और कई मंत्रियों को यहां चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारा. बीजेपी ने बूथ स्तर पर मजबूत पैंठ बनाई. जबकि सपा मतदाताओं की नब्ज टटोलने में कामयाब नहीं हो पाई.
बागी सूरज चौधरी ने बिगाड़ा खेल?
सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अजीत प्रसाद को भी सपा कार्यकर्ताओं का वो समर्थन हासिल नहीं हुआ जो उनके पिता अवधेश प्रसाद ने लोकसभा चुनाव में हासिल किया था. मिल्कीपुर में कार्यकर्ता अपने बीच का कोई उम्मीदवार देख रहे थे लेकिन अखिलेश ने अजीत प्रसाद पर ही दांव लगाया. चुनाव से पहले सपा के जिलाध्यक्ष रहे सूरज चौधरी ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया और आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर गए.