आप भी केमिकल से पका केला तो नहीं खा रहे? ऐसे करें एक मिनट में पहचान
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आप भी केमिकल से पका केला तो नहीं खा रहे? ऐसे करें एक मिनट में पहचान

Healthy Lifestyle and Food: केला दुनिया का सबसे अधिक खाया जाने वाला फल है. जिसे खाने से हमें न केवल ऊर्जा मिलती है. बल्कि हमारे शरीर को भी कई बीमारियों से बचाने में यह मदद करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि केले खाने के क्या नुकसान होते हैं. पढ़िए पूरी खबर ... 

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UP News: केला दुनिया का सबसे अधिक खाया जाने वाला फल है. जिसे खाने से हमें न केवल ऊर्जा मिलती है. बल्कि हमारे शरीर को भी कई बीमारियों से बचाने में यह मदद करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि केले खाने के क्या नुकसान होते हैं. अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं केले खाने के नुकसान के बारे में. क्योंकि केले हमारे शरीर को तभी फायदा करता है, जब वह प्राकृतिक तरीके से पकाया गया हो. लेकिन आजकल बाजार में केमिकल से पकाए गए केले भी बिक रहे हैं, जो शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.

खाना पचाने से लेकर दिल तक करता है मदद
केला एक ऐसा फल है, जो पूरे साल उपलब्ध होता है और काफी सस्ता भी होता है. इसमें प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर, मैग्नीशियम, कॉपर जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं।. नियमित रूप से केले का सेवन करने से कई स्वास्थ्य समस्याएं दूर हो सकती हैं. इसके अंदर मौजूद गुणों से यह हमारे पाचन क्रिया से लेकर दिल को मजबूत करने में भी मदद करता है.  

खतरनाक केमिकल से पकाते हैं 
लेकिन भारत में कई बार केले को जल्दी पकाने के लिए खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है जिसके कारण वह हमारे शरीर के लिए बेहद ही नुकसानदायक बन जाता है. ऐसे ही कुछ प्रमुख खतरनाक केमिकल्स हैं. 

1. कैल्शियम कार्बाइड: यह एक केमिकल यौगिक है, जिसका उपयोग केला जल्दी पकाने के लिए किया जाता है. इसके प्रयोग से केले का रंग और स्वाद बदल जाता है.

2. एथिलीन गैस: यह गैस भी केले को जल्दी पकाने के लिए प्रयोग की जाती है.

3. सोडियम हाइड्रोक्साइड: यह एक मजबूत क्षारीय पदार्थ है. जिसका इस्तेमाल केला पकाने के लिए किया जाता है. इसका भी केले के रंग और स्वाद पर प्रभाव पड़ता है।

क्या हैं नुकसान
हालांकि, केमिकल से पके केले देखने में सामान्य लग सकते हैं. लेकिन इनकी सतह पर कैल्शियम कार्बाइड और अन्य केमिकल्स मौजूद होते हैं. जो पाचन तंत्र में समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं. लंबे समय तक इन केमिकल से पके केले खाने से पेट और श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा, यह कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है. 

कैसे करें पहचान
कुछ दुकानदार केले को जल्दी पकाने के लिए कार्बाइड जैसे केमिकल का इस्तेमाल करते हैं. ताकि उन्हें जल्दी बेचा जा सके. आप कार्बाइड से पके केले को कुछ तरीकों से पहचान सकते हैं:

- कार्बाइड से पके केले की त्वचा पर अक्सर सफेद धब्बे दिख सकते हैं.
- इन केलों का रंग अधिक चमकीला और आकर्षक होता है. जबकि प्राकृतिक रूप से पके केले का रंग हल्का और साधारण होता है.
- कार्बाइड से पके केले का स्वाद भी थोड़ा अलग और कड़वा हो सकता है.

पकाने प्राकृतिक तरीका  
प्राकृतिक तरीके से केले को पकने के लिए पेड़ से तोड़ने के बाद गर्मी के मौसम में 3-4 दिन का समय लगता है. इस दौरान केले को किसी केमिकल से पकाने की बजाय, उन्हें प्राकृतिक तरीके से पकने दिया जाता है. इसके लिए केले को एक साथ फॉयल पेपर में लपेटकर रखा जाता है. इसके साथ ही कभी-कभी कच्चे केलों के साथ कुछ पके केले भी रख दिए जाते हैं. ताकि वे एक दूसरे के साथ आसानी से पक सकें. 

एक दिन में कितने केले खाएं
न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटेटिक्स विशेषज्ञ ने मीडियो से बात करते हुए बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में 1-2 ही खाने चाहिए. हालांकि जो लोग नियमित रूप से वर्कआउट करते हैं. वे अपने ट्रेनर से सलाह लेकर केले की मात्रा बढ़ा सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिक मात्रा में केला खाने से वजन बढ़ सकता है, क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा अधिक होती है.

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