Sambhal Violence News: उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. आपको बता दें कि संभल हिंसा और वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड के गुर्गे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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Sambhal Hindi News: संभल में जामा मस्जिद सर्वे को लेकर हुई हिंसा के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. संभल बवाल के मास्टरमाइंड और कुख्यात ऑटो लिफ्टर शारिक साटा के खास गुर्गे गुलाम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसने विष्णु शंकर जैन की हत्या की साजिश रचे जाने का खुलासा भी किया है.
वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की थी साजिश
गिरफ्तार आरोपी गुलाम ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है. उसने कबूला कि शारिक साटा ने उसे सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की जिम्मेदारी सौंपी थी. विष्णु शंकर जैन और हरि शंकर जैन प्रख्यात वकील हैं. राम जन्मभूमि आंदोलन के अयोध्या केस, ज्ञानवापी के साथ श्रीकृष्ण जन्मभूमि मस्जिद शाही ईदगाह जैसे बड़े मामलों में वो पिता-पुत्र हिन्दू पक्ष की पैरवी करते नजर आते हैं. भोजशाला केस, अजमेर दरगाह और जौनपुर की अटाला मस्जिद जैसे मामलों में वो अदालती मामले लड़ रहे हैं. ऐसे 100 के करीब मंदिर मस्जिद मामले हैं, जिनसे वे जुड़े हुए हैं.
गुलाम के खिलाफ दर्ज हैं 20 से ज्यादा संगीन मामले
संभल पुलिस के मुताबिक, आरोपी गुलाम के खिलाफ 20 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसकी गिरफ्तारी को बड़ी सफलता माना जा रहा है.
संभल हिंसा का मामला
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे और माहौल तनावपूर्ण हो गया था. इस मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही थी और अब गुलाम की गिरफ्तारी से बड़ी जानकारी सामने आई है.
एसपी संभल केके विश्नोई का बयान
एसपी संभल के के विश्नोई ने बताया कि गुलाम को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस जल्द ही इस मामले में और खुलासे कर सकती है.
कौन हैं विष्णु जैन?
हरिशंकर जैन यूपी की राजधानी लखनऊ से ताल्लुक रखते हैं. 1976 में उन्होंने वकालत शुरू की थी, इस पेशे में वह करीब 48 साल से सक्रिय हैं. उनके बेटे विष्णु जैन भी पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं. उन्होंने साल 2010 में बालाजी लॉ कॉलेज से डिग्री लेकर वकालत शुरू की. तब से वह पिता के साथ हैं. विष्णु जैन ने श्रीराम जन्मभूमि मामले से प्रैक्टिस शुरू की थी.
कई मामलों की पैरवी कर रही पिता-पुत्र की जोड़ी
पिता पुत्र की जोड़ी ने साल 2021 में ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सात केस दर्ज किए, जिसमें गंगा नदी, देवी नंदी और मां श्रृंगार गौरी का मामला शामिल है. इसके अलावा मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि, ताजमहल के पूर्व शिवमंदिर होने का दावा, वर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट 1995 को चुनौती दी है. कहा जाता है कि उनके पास हरिशंकर जैन के पास श्रीराम जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष रखने का प्रस्ताव आया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था.
क्या है भोजशाला मामला?
बता दें कि लंबे अरसे से भोजशाला मंदिर था या मस्जिद, इसको लेकर विवाद चल रहा है. यही कारण है कि यहां मंगलवार को पूजा होती है और शुक्रवार को नमाज अता की जाती है. यहां सरस्वती देवी का मंदिर था या मस्जिद, इसके परीक्षण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सर्वे किया था और सोमवार को अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ को सौंप दी. इस मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.
हाईकोर्ट ने दिए सर्वे के निर्देश
मामला उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में पहुंचा जिसने एएसआई को सर्वे करने का निर्देश दिया. एएसआई ने 22 मार्च से सर्वे शुरू किया जो 27 जून तक चला. कुल 98 दिन तक सर्वे हुआ. एएसआई के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया था. एएसआई ने सर्वे के दौरान खुदाई कराई, जिसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई. साथ ही इसमें ग्राउंड पेनिट्रेट रडार (जीपीआर) और ग्लोबल सिस्टम (जीपीएस) की सहायता ली गई.
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