UP News: ग्राम समाज की जमीन को कागजों में हेराफेरी कर अरबों रुपये का घोटाले करने वाले पीसीएस अफसर के खिलाफ सीएम योगी का एक्शन देखने को मिला है. जांच में दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्तगी कर दी गई है.
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UP News: यूपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बार फिर सीएम योगी का हंटर चला है. सीएम योगी ने भ्रष्टाचार के आरोपी पीसीएस अफसर गणेश प्रसाद सिंह को बर्खास्त कर दिया है. साथ ही दो अन्य पीसीएस अफसर को निलंबित कर दिया गया है. इन अफसरों पर 200 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले में नाम सामने आया है. इसके बाद सीएम योगी का एक्शन देखने को मिला है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, गणेश प्रसाद सिंह 2011 बैच के पीसीएस अफसर हैं. जानकारी के मुताबिग, सितंबर 2014 से मार्च 2018 तक गणेश प्रसाद सिंह की तैनाती कुशीनगर में थी. आरोप है कि कुशीनगर में तैनाती के दौरान गणेश प्रसाद सिंह ने ग्राम समाज की जमीन नियमों को ताक पर रखते हुए पट्टा कर दी गई. मामला उजागर होने पर पीसीएस अफसर गणेश प्रसाद के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे. उनके खिलाफ जांच चल रही थी.
जमीन का बंदर बांट का आरोप
इस दौरान साल 2022 में उनकी तैनाती जौनपुर में कर दी गई. आरोप है कि मुख्य राजस्व अधिकारी होने के दौरान गणेश प्रसाद सिंह उनके खिलाफ कई आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए. आरोप है कि सड़क निर्माण में जमीन अधिग्रहण में विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ था. आरोप है कि मछलीशहर, बदलापुर, मड़ियाहूं और सदर तहसील क्षेत्रों में अधिग्रहित जमीन में गड़बड़ी की गई. ग्राम समाज ही नहीं जंगल की जमीन का बंदर बांट किया गया.
डीएम जौनपुर को सौंपी गई थी जांच
शिकायतें मिलने के बाद डीएम जौनपुर को जांच के आदेश दिए गए थे. जांच में दोषी पाए जाने पर नियुक्ति विभाग को उन्हें निलंबित करने के संबंध में पत्र लिखा गया था. इसके बाद पिछले साल भेजे गए पत्र के आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद जांच में लापरवाही और कोई सुधार न पाने पर गुरुवार को पीसीएस गणेश प्रसाद सिंह को बर्खास्त कर दिया गया.
200 करोड़ रुपये के घोटाले पर गिरी गाज
इसके अलावा एडीएम बरेली अशोक कुमार और एडीएम मऊ मदन कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है. इन पर आरोप है कि बरेली सितारगंज नेशनल हाईवे के निर्माण में भूमि अधिग्रहण के दौरान हुए घोटाले में संलिप्पता पाई गई. बता दें कि बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे और बरेली रिंग रोड निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण घोटाले में इससे पहले लोक निर्माण विभाग के दो अवर अभियंताओं को निलंबित किया जा चुका है.
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