Barabanki News: बड़ों वाले सीरियल देखने का बच्चों के दिमाग पर कितना खतरनाक असर हो सकता है इसका एक मामला बाराबंकी में सामने आया है, यहां तीन स्कूली बच्चों ने टीवी पर क्राइम सीरियल देख अपने ही अपहरण की झूटी कहानी घढ़ दी. इतना ही नहीं उन्होंने घर वालों को फोन कर खुद इसकी सूचना दी..
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बाराबंकी/ नितिन श्रीवास्तव: आज के समय में टीवी और मोबाइल पर बच्चे वो भी देख रहे हैं जो उन्हें देखना नहीं चाहिए. और इसका उनके दिमाग पर कितना खतरनाक असर हो सकता है इसका एक मामला बाराबंकी में सामने आया है. यहां स्कूल के लिए निकलने तीन छोटे बच्चों ने अपने ही अपहरण की फिल्मी कहानी गड़ डाली. उन्होंने किसी के फोन से घरवालों को फोन कर खुद ही बताया कि उनका अपहरण हो गया, यह सुनते ही माता-पिता के हाथ-पांव फूल गए.
झूठी निकली अपहरण की कहानी
दरअसल बच्चे स्कूल नहीं जाना चाहते थे. घर वालों के दबाव के चलते बच्चे घर से तो जरूर निकले लेकिन उन्होंने बैग रास्ते में ही कहीं रख दिया और घूमते रहे. फिर किसी राहगीर के फोन से घर वालों को किडनैपिंग की पूरी झूठी कहानी बता डाली. बच्चों के बयान के आधार पर जब पुलिस वालों ने अपनी तहकीकात शुरू की और रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो हकीकत सामने आ गई. बाद में बच्चों ने बताया कि क्राइम सीरियल्स और मूवी देखकर उन्होंने यह पूरा प्लान बनाया था.
कहां का अपहरण का झूठा मामला
पूरा मामला नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत दशहराबाग में स्थित नीलकंठ चिल्ड्रेंस एकेडमी से जुड़ा है, जहां पढ़ने वाले तीन बच्चे, जिसमें दो सगी बहनें और एक पड़ोस में रहने वाला लड़का शामिल है. तीनों छठी और सातवीं के छात्र हैं. उन्होंने अपनी किडनैपिंग की झूठी कहानी घढ़ डाली. बच्चे घर वालों के डर से बैग लेकर स्कूल जाने के लिये जरूर निकले, लेकिन पहुंचे नहीं. रास्तें में तीनों ने कहीं अपना बैग रखा और काफी देर तक घूमते रहे. फिर काफी देर के बाद एक राहगीर के फोन से परिजनों को अपने अपहरण की झूठी कहानी बताई.
पुलिस की जांच में ऐसे सामने सच
अपहरण की बात सुनकर बच्चों के माता-पिता के हाथ-पैर फूल गये और वह आनन-फानन में मौके पर पहुंचे. सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची बच्चों से एक-एक बात की जानकारी ली. लेकिन जब पुलिस ने अपनी पड़ताल शुरू की और बच्चों के बयान के आधार पर रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पूरी कहानी ही उल्टी निकली. जांच में पचा चला कि बच्चे झूठ बोल रहे हैं और उनका कोई अपहरण हुआ ही नहीं था, बल्कि वह स्कूल नहीं जाना चाहते थे. मां-बाप वालों के डर से वह घर से निकले लेकिन फिर घूमने-फिरने निकल गये. पुलिस की पूछताछ में बच्चों ने बाद में बताया कि वह मोबाइल और टीवी पर क्राइम सीरियल्स और मूवी देखकर उन्होंने यह पूरा प्लान बनाया.
बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि बच्चों ने अपहपण की पूरी कहानी रची थी. तीनों बच्चे सकुशल हैं, कोई अपहरण नहीं हुआ था. डॉ. अखिलेश नारायण सिंह ने अपील करते हुए कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों पर नजर रखने की जरूरत है कि वह मोबाइल और टीवी पर क्या देख रहे हैं, जिससे उनके दिमाग पर किसी बुरी बात का असर न पड़े.
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