UP Budget 2025: उत्तर प्रदेश सरकार बजट में संविदा कर्मियों के लिए भी बड़ी खुशखबरी है. संविदाकर्मियों का न्यूनतम मानदेय अब 18 हजार तक कर दिया गया है. इसके साथ ही संविदा कर्मियों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य कार्ड से 5 लाख रुपये तक फ्री इलाज और नौकरी की सुरक्षा भी मिलेगी.
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UP Budget 2025: उत्तर प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को ऐलान किया कि संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को अब हर महीने न्यूनतम 16,000 से 18,000 रुपये मानदेय मिलेगा. इसके अलावा, इन कर्मचारियों की भर्ती अब निजी एजेंसियों के बजाय सरकारी निगमों के माध्यम से की जाएगी.
बनेगा आउटसोर्सिंग भर्ती निगम
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार आउटसोर्सिंग भर्ती निगम बनाने जा रही है. इस निगम के जरिए सभी सरकारी विभागों को जरूरत के अनुसार कर्मचारी उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और निजी एजेंसियों द्वारा की जा रही मनमानी पर रोक लगेगी. सरकार एजेंसियों का कमीशन खुद देगी, जिससे कर्मचारियों को पूरा वेतन मिल सकेगा.
फ्री इलाज के लिए जनआरोग्य आयुष्मान कार्ड
संविदा कर्मचारियों के लिए दूसरी बड़ी राहत की बात यह है कि अब उन्हें पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा. इसके लिए सरकार मुख्यमंत्री जनआरोग्य आयुष्मान कार्ड जारी करेगी, जिससे संविदा कर्मचारी और उनके परिवार को चिकित्सा सुरक्षा मिलेगी.
राज्य में 1.91 लाख संविदा कर्मचारी होंगे लाभान्वित
प्रदेश में इस समय करीब 1,91,644 संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारी विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत हैं. योगी सरकार की इस नई योजना से उन्हें वित्तीय और स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों मिलेगी.
स्वयं सेवकों को लगभग 20 लाख अतिरिक्त रोजगार
पी०आर०डी० स्वयं सेवकों के मानदेय में वृद्धि प्रस्तावित है और स्वयं सेवकों को लगभग 20 लाख अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जा रही है. ग्राम पंचायत स्तर पर गठित लगभग 80 हजार युवक और महिला मंगल दलों को प्रोत्साहन स्वरूप खेल सामग्री उपलब्ध करायी जाएगी. हालांकि शिक्षा मित्रों पर भी किसी ऐलान की उम्मीद थी लेकिन उन पर कोई ऐलान नहीं किया गया है.
बजट में भी विकास पर जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के उत्थान को समर्पित है. सरकार ने रोजगार और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. उत्तर प्रदेश का राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97% है, जो आरबीआई द्वारा तय 3.5% की सीमा से कम है. नीति आयोग की रिपोर्ट में यूपी को अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल किया गया है.
रोजगार और निवेश में बढ़ोतरी
पिछले आठ सालों में 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव जमीन पर उतर चुके हैं. इससे अब तक 60 लाख नौकरियां सृजित की जा चुकी हैं.
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