Mahakumbh 2025: कौन हैं व्यासानंद गिरि? 15 साल की उम्र में घर-बार छोड़ लिया संन्यास, महाकुंभ में बने निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर
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Mahakumbh 2025: कौन हैं व्यासानंद गिरि? 15 साल की उम्र में घर-बार छोड़ लिया संन्यास, महाकुंभ में बने निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर

Mahakumbh 2025: अमेरिका के व्यासानंद गिरि श्रीनिरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर बन गए हैं. महाकुंभ के एक भव्य समारोह में उनका पट्टाभिषेक किया गया. 15 साल की उम्र से ही व्यासानंद गिरि ने आदि शंकराचार्य के सिद्धांतों का पालन शुरू किया था. जानिए पूरी डिटेल

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: अमेरिका के व्यासानंद गिरी श्रीनिरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर बन गए हैं. वह योग ध्यान और संस्कृत के प्रचारक हैं. महाकुंभ के एक भव्य समारोह में उनका मंत्रोच्चार के बीच पट्टाभिषेक हुआ. 15 साल की उम्र से ही व्यासानंद गिरि ने आदि शंकराचार्य के सिद्धांतों का पालन शुरू किया था. फिर उन्होंने महर्षि महेश योगी के सानिध्य में आने के बाद घर-परिवार से छोड़ दी और संन्यास ले लिया.

व्यासानंद गिरी का स्वागत
अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने भगवा चादर ओढ़ाकर माला पहनाई. इसके साथ ही अन्य संतों ने भी उनका पुष्पवर्षा करके स्वागत किया. व्यासानंद गिरी के पिता अमेरिका के एयरफोर्स में डिप्टी डायरेक्टर ऑपरेशंस रहे थॉमस मैरिट नाल्स हैं. वह 15 साल की उम्र से आदिशंकराचार्य के सिद्धांतों का अमल करने लगे. 
 
कौन हैं विदेशी संत व्यासानंद गिरी?
2013 के प्रयागराज महाकुंभ में व्यासानंद गिरी ने स्वामी कैलाशानंद से संन्यास की दीक्षा ली. मौजूदा समय में अमेरिका के एरीजोना में इनका विशाल आश्रम है. वहां से योग, ध्यान का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, उनके कार्य को देखते हुए अखाड़े ने महामंडलेश्वर बनाया है. श्रीमहंत रवींद्र पुरी की मानें तो निरंजनी अखाड़ा का लक्ष्य दुनियाभर में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना है. व्यासानंद गिरि के संयोजन में यह काम तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा. व्यासानंद तपस्वी संत हैं. इनकी साधना व धर्म के प्रति समर्पण अद्वितीय है.  

जानें महाकुंभ की खास बातें
रिपोर्ट्स की मानें तो महाकुंभ मेला क्षेत्र में 07 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. जिनमें 26 हजार करोड़ जिले व शहर में सड़कों, पुलों, बिजली-पानी पर खर्च शामिल है. इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. महाकुंभ मेला में 04 हजार हेक्टेयर करीब क्षेत्रफल में बसाया गया है. पूरा मेला क्षेत्र 25 सेक्टर में है. यहां 30 पांटून पुलों का निर्माण हुआ है. इस बार 08 हजार बसें और तीन हजार विशेष ट्रेनें चलाई जा रही है. इस बार सुरक्षा में 01 लाख जवान पुलिस, पीएसी व पैरामिलिट्री के तैनात हैं. 20 अस्थायी थाने, 68 पुलिस चौकी, 82 अग्निशमन केंद्र भी बने हैं. यहां 07 लाख वाहनों की क्षमता वाले 112 पार्किंग स्थल तैयार हो गए हैं. 2750 सीसीटीवी कैमरे से महाकुंभ मेला की निगरानी की जा रही है. वहीं, दो कमांड सेंटर और 120 अस्थायी विद्युत उपकेंद्र बनाए गए हैं. 

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