Kumbh Mela 2025: देश के कोने-कोने से संगम स्नान के लिए पहुंच रहे हैं श्रद्धालु, व्यवस्था को लेकर कही ये बात
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Kumbh Mela 2025: देश के कोने-कोने से संगम स्नान के लिए पहुंच रहे हैं श्रद्धालु, व्यवस्था को लेकर कही ये बात

Kumbh Mela 2025: संगम नगरी में रोजाना करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आ रहे हैं. मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ के बावजूद यहां श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ खास कमी नहीं आई है. शनिवार को संगम स्नान करने आए श्रद्धालुओं ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात की.

Kumbh Mela 2025: देश के कोने-कोने से संगम स्नान के लिए पहुंच रहे हैं श्रद्धालु, व्यवस्था को लेकर कही ये बात

Kumbh Mela 2025: संगम नगरी में रोजाना करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आ रहे हैं. मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ के बावजूद यहां श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ खास कमी नहीं आई है. शनिवार को संगम स्नान करने आए श्रद्धालुओं ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात की.

क्या कहते हैं श्रद्धालु

बिहार के हाजीपुर से आए राजकुमार मिश्र ने बताया कि "महाकुंभ की व्यवस्था बहुत अच्छी है. सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था कराई है, उससे हमें कोई परेशानी नहीं है. हाजीपुर में भी कोनहारा घाट में हम संगम स्नान करते हैं. वहां, भी भीड़ होती है, लेकिन यहां पर निश्चित तौर पर उससे बहुत अधिक भीड़ है. यहां पर पुलिस भी बहुत अच्छा सहयोग कर रही है. अभी एक महिला खो गई थी, पुलिस वालों ने उसकी तुरंत सहायता की."

क्या कहते हैं मुंबई के श्रद्धालु

मुंबई से आई डॉ. शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि "बहुत बढ़िया व्यवस्था की गई है. ये पूरे जीवन भर के लिए अनुभव है. महाकुंभ में आकर बहुत अच्छा लग रहा है." दिल्ली के एनपीएस लाल अपने परिवार संग यहां पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि "बच्चों के साथ महाकुंभ आकर जीवन सफल हो गया है. संगम नोज में जाकर हमने स्नान किया. व्यवस्था बहुत ही अच्छी की गई है. इतने भव्य आयोजन कराने के लिए सरकार को धन्यवाद."

सरकार हो चुकी है सतर्क

बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ हादसे के बाद सरकार सतर्क हो गई है. दरअसल, मौनी अमावस्या के अवसर पर रात करीब 1.30 बजे मची भगदड़ मची थी. इसमें 30 लोगों की जान चली गई. भगदड़ के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की गई. इसके अलावा प्रशासन ने मेला क्षेत्र में कुछ पांच प्रमुख बदलाव किए हैं, जिससे कि ऐसी अप्रिय घटना दोबारा न हो.

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