UP Railway News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लेकर गोंडा तक के लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी सामने आई है. भारतीय रेलवे ने यहां के लोगों को रेलमार्ग दोहरीकरण की सौगात दी है. पढ़िए पूरी खबर...
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Gorakhpur Hindi News: पूर्वोत्तर रेलव रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर, नकहाजंगल, आनंदनगर, बढ़नी, गोंडा रेलमार्ग के दोहरीकरण को हरी झंडी दे दी है. यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार और नेपाल से जुड़ी रेलवे सेवाओं को भी मजबूत करेगी, जिससे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय यात्रा अधिक सुगम होगी.
इस 215 किलोमीटर लंबे मार्ग के दोहरीकरण से ट्रेनों की आवाजाही और अधिक सुगम होगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए रेलवे बोर्ड ने नकहाजंगल, गोंडा रेलखंड के लिए 4.30 करोड़ रुपये और मथुरा-कासगंज रेलखंड के लिए 2.10 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जिससे दोनों परियोजनाओं पर कुल 6.40 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है.
प्रोजेक्ट का असर और लाभ
गोरखपुर, नकहाजंगल, आनंदनगर, बढ़नी, गोंडा रेलमार्ग पर दोहरीकरण से
इस रूट पर अधिक ट्रेनें संचालित की जा सकेंगी.
सीतापुर-गोंडा और लखनऊ-गोंडा रूट की ट्रेनें आनंदनगर-घुघली होकर सीधे नरकटियागंज पहुंच सकेंगी, जिससे गोरखपुर जंक्शन पर दबाव कम होगा.
गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, लखनऊ मुख्य रेलमार्ग पर ट्रेनों का भार कम होगा.
यात्रियों को समय पालन और यात्रा की सुगमता में सुधार मिलेगा.
रेलवे की अन्य बड़ी परियोजनाएं
गोरखपुर, भटनी, औड़िहार रेलखंड का दोहरीकरण कार्य अप्रैल 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
गोरखपुर, नरकटियागंज रेलमार्ग का भी दोहरीकरण तेजी से चल रहा है.
बाराबंकी, गोंडा, गोरखपुर, छपरा रेलमार्ग पर पहले से ही ट्रेनों का संचालन डबल लाइन पर हो रहा है.
आनंदनगर, घुघली 50 किमी नई रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है.
क्या बोले रेलवे अधिकारी?
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि गोंडा से नकहा जंगल (गोरखपुर) वाया आनंदनगर एवं बढ़नी तथा मथुरा से कासगंज के मध्य दोहरीकरण के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे की स्वीकृति मिल गई है. सर्वे के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसके बाद दोहरीकरण कार्य शुरू होगा.
कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट?
गोरखपुर, नकहाजंगल, आनंदनगर, बढ़नी, गोंडा रेलखंड के दोहरीकरण की प्रक्रिया डीपीआर मंजूरी के बाद जल्द ही शुरू हो जाएगी. अनुमान है कि यह परियोजना 2027 तक पूरी हो सकती है. इसके बाद पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मार्गों पर सभी ट्रेनों का संचालन डबल लाइन पर संभव होगा.