महाकुंभ टेंट सिटी के बीच बने भव्य शिविर, ग्रह-वेदों के नाम बनीं कुटियों में साधना कर रहे कल्पवासी
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2627470

महाकुंभ टेंट सिटी के बीच बने भव्य शिविर, ग्रह-वेदों के नाम बनीं कुटियों में साधना कर रहे कल्पवासी

Mahakhumbh 2025: इस बार का महाकुंभ अद्वितीय रहा है. जहां आध्यात्मिक अनुष्ठानों के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी अपनाया गया. ग्रह-नक्षत्रों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने हेतु गंगा महासभा ने विशेष शिविर आयोजित किए. इन शिविरों में वैदिक अनुष्ठान, यज्ञ, ध्यान तथा ज्योतिषीय परामर्श की व्यवस्था की गई. 

Prayagraj Mahakhumbh 2025, Mahakhumbh 2025. kumbh Mela 2025

Prayagraj Mahakhumbh 2025: गंगा महासभा ने संगम तट पर महाकुंभ के दौरान एक अनोखा आयोजन किया है, जिसमें 47 तिरपाल की कुटियां बनाई गई हैं. इन कुटियों के नाम राशियों और ग्रहों के नाम पर रखे गए हैं, जैसे मेष कुटी, वृष कुटी, तुला कुटी, वृश्चिक कुटी, आदि. इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य लोगों को राशियों और ग्रहों के बारे में जागरूक करना और उनके प्रभाव को सकारात्मक दिशा में मोड़ना है. 

हर कुटी का नाम ग्रह और राशि पर
गंगा महासभा के मुताबिक, राशियां और ग्रह हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं. शिविरों में रहने वाले कल्पवासी और संतों पर ग्रहों की स्थिति का सकारात्मक असर पड़ने की संभावना है. इन शिविरों में हर कुटी का नाम एक ग्रह या राशि के नाम पर रखा गया है, ताकि लोग उन ग्रहों और राशियों के प्रभाव को समझ सकें.

चारों वेदों के नाम पर कुटियां
इसके अलावा, गंगा महासभा ने चारों वेदों के नाम पर भी कुटियां बनाई हैं, जैसे ऋग कुटी, यजु कुटी, साम कुटी, और अथर्व कुटी.  साथ ही अन्य विशेष नामों जैसे दिवाकर, शशि, मंगल, बुध, बृहस्पति, शनैश्चर आदि के नाम पर भी कुटियां स्थापित की गई हैं. 

इस आयोजन का एक खास पहलू यह है कि इन शिविरों में रहने वालों को ग्रहों और राशियों से जुड़े धार्मिक और ज्योतिषीय ज्ञान प्राप्त होता है, जो उनकी मानसिक और आत्मिक स्थिति को बेहतर बना सकता है. गंगा महासभा के महामंत्री, स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती के मुताबिक, यह शिविर ग्रह नक्षत्रों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है. 

इस आयोजन में न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय के नाम पर एक सभागार भी बनाया गया है, जहां संत महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते हैं. गंगा महासभा का यह अनोखा प्रयास समाज को राशियों और ग्रहों के प्रभाव से अवगत कराने के साथ ही एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. 

और पढे़ं: बसंत पंचमी पर महाकुंभ जाने वाले ध्यान दें, प्रयागराज के 8 रेलवे स्टेशनों पर 4 दिन नई व्यवस्था, अनदेखी पर महंगा पड़ेगा सफर

 

Trending news