अग्निवीर ने रच दिया इतिहास, 1100 किलोमीटर दौड़कर पहुंचा महाकुंभ; जज्बे और साहस से लोग हैरान
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अग्निवीर ने रच दिया इतिहास, 1100 किलोमीटर दौड़कर पहुंचा महाकुंभ; जज्बे और साहस से लोग हैरान

Mahakumbh 2025: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक अग्निवीर की खूब चर्चा हो रहा है. दरअसल, बिहार के रहने वाले इस युवक ने महज 17 दिनों में 1100 किलोमीटर दौड़कर प्रयागराज महाकुंभ पहुंचकर एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. 

अग्निवीर ने रच दिया इतिहास, 1100 किलोमीटर दौड़कर पहुंचा महाकुंभ; जज्बे और साहस से लोग हैरान

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ अब समापन की ओर है, लेकिन उससे पहले बिहार के एक अग्निवीर ने कमाल कर दिया है. दरअसल, बिहार के सहरसा का एक युवक महज 17 दिनों में 1100 किलोमीटर की दौड़ लगाकर महाकुंभ पहुंच गया. रोजाना 10 घंटे दौड़ते हुए, रूपेश ने अपनी मंजिल पाई और 8 फरवरी को दोपहर 12 बजे संगम में स्नान किया. हालांकि, यात्रा के दौरान तमाम कठिनाइयां आईं, लेकिन उनका संकल्प अडिग रहा. अब इस युवक की चर्चा हर ओर हो रही है. 

कठिनाइयों के बावजूद जारी रखा सफर

1 फरवरी को दानापुर में रूपेश की तबीयत बिगड़ गई और उस दौरान उनका मोबाइल और पर्स चोरी हो गया. लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी. स्थानीय लोगों और दोस्तों की मदद से यात्रा जारी र. QR कोड के माध्यम से 5-6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिली, जिससे वे आगे बढ़ते रहे.

सिर्फ 300 रुपये और अटूट संकल्प से शुरू हुई यात्रा

रूपेश ने महाकुंभ तक की यात्रा सिर्फ 300 रुपये लेकर शुरू की. इस पैसे से उन्होंने यात्रा का पोस्टर तैयार कराया, जिसमें QR कोड के जरिए आर्थिक सहयोग की अपील की गई थी. सोशल मीडिया पर यात्रा साझा करने से कई लोगों ने मदद की.

दोस्तों ने छोड़ा साथ, पर नहीं मानी हार

यात्रा की शुरुआत में रूपेश के दो दोस्त उनके साथ थे, लेकिन बख्तियारपुर पहुंचने से पहले ही वे थककर लौट गए. इसके बाद, कठिन परिस्थितियों में भी रूपेश ने अकेले ही 1100 किमी की दौड़ पूरी की. उन्होंने न केवल अपनी आस्था का प्रमाण दिया, बल्कि अपने साहस और दृढ़ निश्चय से लोगों का दिल भी जीत लिया.

परिवार को गर्व

रूपेश के पिता रामप्रवेश यादव ने बताया कि शुरुआत में लोग ताने मारते थे, कुछ ने कहा कि वह पैसे मांगने के लिए दौड़ रहा है. लेकिन जब लोगों ने उसका समर्पण और लगन देखी, तो सबकी सोच बदल गई. आज पूरे इलाके में उनकी प्रशंसा हो रही है और परिवार गर्व से भरा हुआ है.

गोल्ड मेडल का सपना

बता दें कि रूपेश 2024 में अग्निवीर के लिए चयनित हो चुके हैं. फिलहाल वे बीएनएमयू के घैलाढ़ कॉलेज से स्नातक कर रहे हैं. उनका सपना है कि भारत के लिए मैराथन में गोल्ड मेडल जीतें। इसके लिए उन्होंने सरकार और समाज से सहयोग की अपील की है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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