सोशल मीडिया पर पॉपुलर अमोघ लीला दास को, ISKCON ने क्यों किया बैन
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सोशल मीडिया पर पॉपुलर अमोघ लीला दास को, ISKCON ने क्यों किया बैन

ISKCON : इस्कॉन के प्रचारक अमोघ लीला प्रभु (Amogh Lila Das or Amogh Lila Prabhu) के स्वामी विवेकानंद के खानपान पर जो कहां उसके बाद विवाद बढ़ गया है. अमोघ दास लीला के अनुसार स्वामी विवेकानंद मछली खाते थे और स्मोकिंग करते थे.

सोशल मीडिया पर पॉपुलर अमोघ लीला दास को, ISKCON ने क्यों किया बैन

ISKCON : इस्कॉन के प्रचारक अमोघ लीला प्रभु (Amogh Lila Das or Amogh Lila Prabhu) के स्वामी विवेकानंद के खानपान पर जो कहां उसके बाद विवाद बढ़ गया है. अमोघ दास लीला के अनुसार स्वामी विवेकानंद मछली खाते थे और स्मोकिंग करते थे.

अमोघ लीला दास कौन है ?
अमोघ लीला दास सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर नाम है. धर्म और मोटिवेशन पर उनके प्रवचन ट्रेंड़िग हैं. जानकारी के मुताबिक लखनऊ में जन्मे अमोघ लीला दास का पहले नाम अशीष अरोड़ा बताया जाता है.

अमोघ लीला दास बहुत ही कम उम्र में अध्यात्म की ओर आ गए और 12वीं क्लास के दौरान ही घर छोड़कर चले गये. लेकिन बाद में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और 2004 में अमेरिकी कंपनी में काम शुरु किया. 29 साल की उम्र में उन्होंने इस्कॉन जॉइन कर लिया और हरे कृष्ण ब्रह्मचारी बन गए.

स्वामी विवेकानंद पर विवादित टिप्पणी
कोलकाता में एक प्रवचन के दौरान एक सवाल पर अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानंद पर विवादित टिप्पणी की. अमोघ लीला दास ने  मछली खाने और स्मोकिंग करने पर सवाल उठाए थे. उनका कहना था कि ‘कोई भी सिद्ध पुरुष ऐसा काम नहीं कर सकता, जिससे किसी प्राणी को कष्ट हो’

अमोघ लीला दास ने कहा कि  क्या कोई भी दिव्य पुरुष किसी जानवर को मारकर खाएगा ? मछली को दर्द होता है. अगर विवेकानंद मछली खाए, तो क्या एक सिद्ध पुरुष मछली खा सकता है? अगर आपके सामने सिद्ध पुरुष हो, तो क्या वो  मछली खाएगा ? सिद्ध पुरुष के हृदय में तो करुणा होती है’

दरअसल अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानंद की स्मोकिंग की आदत और दूसरी बातों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा, ‘क्या कोई सिद्ध पुरुष फाफाफाफा (स्मोकिंग का इशारा करते हुए) कर सकता है ? नहीं कर सकता है.  क्या सिद्ध पुरुष बोल सकता है कि बैंगन तुलसी से ज्यादा श्रेष्ठ है. क्योंकि तुलसी खाकर पेट नहीं भरता, बैंगन खाकर पेट भर जाता है.

क्या कोई सिद्ध पुरूष बोल सकता है कि फुटबॉल खेलना भगवद् गीता से ज्यादा श्रेष्ठ है. ठीक है ये ? अगर कोई ऐसा बोले ठीक है ये ? नहीं, ये ठीक नहीं है. वैसे मैं विवेकानंद जी का सम्मान भी करता हूं. अगर विवेकानंद जी यहां खड़े होते, तो मैं उनको दंडवत करता क्योंकि अच्छे साधु पुरुष हैं.  लेकिन विवेकानंद जी की कुछ चीजें स्वीकार्य नहीं हैं. हम अंधा होकर स्वीकार नहीं कर सकते’

अमोघ लीला दास के इन बयानों पर सोशल मीडिया पर लोगों ने काफी नाराजगी देखी गयी. बयान पर तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं ने भी आपत्ति की. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक ट्वीट में इस्कॉन से अनुरोध किया कि ‘इस कथित साधु’ ने जो अपमानजनक टिप्पणियां की, उन्हें देखते हुए इस पर तत्काल कार्रवाई हो. जिसके बाद इस्कॉन के वाइस प्रेसिडेंट राधारमण दास ने अमोघ लीला दास को ‘तुरंत पब्लिक लाइफ से एक महीने के लिए हटने का कहा गया है’अब अमोघ लीला दास उत्तर प्रदेश के गोवर्द्धन में एक महीने तक प्रायश्चित करेंगे.

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