Rajasthan News:'बच्चों को गिरवी रखने को मजबूर राजस्थानी आदिवासी', संसद में गरजे सासंद राजकुमार रोत
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Rajasthan News:'बच्चों को गिरवी रखने को मजबूर राजस्थानी आदिवासी', संसद में गरजे सासंद राजकुमार रोत

Rajasthan News: हाल में ही डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने लोकसभा में भाषण दिया. जिसमें उन्होंने राजस्थान की आदिवासी महिलाओं की बुरी हालत का जिक्र किया. क्या कुछ बोले रोत आईए बताते हैं.

Rajasthan News:'बच्चों को गिरवी रखने को मजबूर राजस्थानी आदिवासी', संसद में गरजे सासंद राजकुमार रोत

Rajasthan News: गरीबी और विकास की कमी की वजह से राजस्थान दक्षिण इलाके के आदिवासी बहुल इलाकों में हालात काफी बुरे हैं. वहां नवजात शिशुओं और बच्चों को बेचने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं. आदिवासी बाहुल्य दक्षिणी राजस्थान में इस तरह के कईयों मामले सामने आए हैं. सोमवार को डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने यह मुद्दा लोकसभा में रखा. रोत राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोले.

भाषण देते समय उन्होंने कहा कि हमारे देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी हैं, लेकिन आज देश में आदिवासियों के हालात और हालत दोनों बहुत खराब है. आज के समय में पूरे देश के अंदर अगर सबसे ज्यादा कोई पीड़ित है, किसी पर अत्याचार हो रहा है, तो वो आदिवासी समुदाय है और उनकी महिलाएं हैं. 

राजकुमार रोत ने कहा कि आज आदिवासी समुदाय की हालत इतनी खराब है कि वह अपने बच्चों को गिरवी रखने पर मजबूर हैं. आज से बीस पहले आदिवासी गरीब दलित व्यक्ति अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए, अपने बच्चों की बीमारी का इलाज के लिए,  जमीन... जेवरात गिरवी रखता था, लेकिन आज अपनी बहन-बेटियां और अपने छोटे बच्चों को गिरवी रखता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुताबिक़ जनवरी 2023 में उदयपुर की सवीना पुलिस ने ऐसे ही एक मामले को उजागर किया था, जब एक महिला को सात महीने के बच्चे के साथ हिरासत में लिया गया था. महिला की पहचान उदयपुर के एक गांव की रहने वाली राजकुमारी से की गई थी.

पुलिस ने खुलासा कर बताया था कि राजकुमारी एक आईवीएफ सेंटर में कार्यत थी और उसने झाड़ोल ब्लॉक के एक दंपत्ति से महज 70 हजार रुपये में बच्चा खरीदा था. यहां तक की आरोपी ने ये भी बताया था कि वह बच्चे को दिल्ली में एक व्यक्ति को 2 लाख रुपये में बेचने की प्लानिंग कर रही थीं.

यह पहली बार नहीं है, जब इस मुद्दे को उठाया गया हो. पिछले साल जुलाई में डूंगरपुर से कांग्रेस के विधायक गणेश घोघरा ने भी यह मुद्दा राजस्थान की विधानसभा में रखा था. उन्होंने कहा था कि "मां को अपने बच्चे बेचने के लिए आखिर क्यों मजबूर किया जा रहा है?'' इस पर सरकार ने यह माना था कि आदिवासी इलाकों में बच्चों को बेचा जा रहा है. सरकार ने विधानसभा में यह माना था कि 2023 से 2024 तक ऐसे सात मामले थे.

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