जयपुर में बजा चुनावी बिगुल! ग्रेटर मेयर के चुनाव की घोषणा, भाजपा और कांग्रेस में लॉबिंग हुई शुरू
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जयपुर में बजा चुनावी बिगुल! ग्रेटर मेयर के चुनाव की घोषणा, भाजपा और कांग्रेस में लॉबिंग हुई शुरू

नगर निगम ग्रेटर में मेयर पद के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव की घोषणा के साथ काउंटडाउन शुरू हो गया है. जयपुर नगर निगम ग्रेटर में डॉ. सौम्या को मेयर पद से बर्खास्त किए जाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने यहां दोबारा चुनाव करवाने का शेड्यूल जारी कर दिया.

जयपुर में बजा चुनावी बिगुल! ग्रेटर मेयर के चुनाव की घोषणा, भाजपा और कांग्रेस में लॉबिंग हुई शुरू

Jaipur Greator Mayor Election : नगर निगम ग्रेटर में मेयर पद के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव की घोषणा के साथ काउंटडाउन शुरू हो गया है. जयपुर नगर निगम ग्रेटर में डॉ. सौम्या को मेयर पद से बर्खास्त किए जाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने यहां दोबारा चुनाव करवाने का शेड्यूल जारी कर दिया. चुनाव 10 नवंबर को होंगे और इसके लिए 3 नवंबर से नामांकन पत्र भरे जाएंगे. जयपुर नगर निगम ग्रेटर के अलावा अजमेर जिले की नसीराबाद नगर पालिका और सिरोही की पिंडवाड़ा नगर पालिका अध्यक्ष के भी चुनाव करवाए जाएंगे. 

राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निगम ग्रेटर में मेयर, नसीराबाद और पिंडवाड़ा नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए उपचुनाव की घोषणा कर दी है. जयपुर नगर निगम ग्रेटर में डॉ सौम्या गुर्जर को मेयर पद से बर्खास्त करने के बाद उपचुनाव होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग का ये फैसला काफी चौंकाने वाला लगा. क्योंकि नोटिफिकेशन जारी करने तीसरे दिन ही नामांकन पत्र भरने होंगे. उम्मीदवारों के पास कम समय है कि वे पार्टी में राय करके खुद चुनाव लड़ने के लिए टिकट ले सकें. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही मेयर की दौड़ में शामिल पार्षदों ने लॉबिंग शुरू कर दी है.  

ये रहेगा शेड्यूल
​​​​​​​-लोक सूचना : 3 नवंबर
​​​​​​​-नामांकन पत्र भरने का समय-- 3 और 4 नवंबर ( समय सुबह 10:30 से दोपहर 3 बजे तक) 
-नामांकन पत्र की जांच--5 नवंबर 
-नाम वापसी का समय--7 नवंबर दोपहर 3 बजे तक
-चुनाव चिह्न का आवंटन--7 नवंबर को नाम वापसी के बाद
-वोटिंग--जरूरत पड़ने पर 10 नवंबर को (सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक)
-वोटिंग काउंटिंग व रिजल्ट---10 नवंबर वोटिंग के तुरंत बाद

नगर निगम ग्रेटर में मेयर ओबीसी महिला की सीट रिजर्व है. ऐसे में जयपुर नगर निगम ग्रेटर की बात करें तो यहां शील धाबाई, भारती लखयानी, सुखप्रीत बंसल, रश्मि सैनी दावेदार मानी जा रही है. शील धाबाई पहले भी जयपुर की मेयर रह चुकी है. धाबाई के अलावा यहां ओबीसी महिला में दूसरा नाम सुखप्रीत बंसल का भी चल रहा है. बंसल वर्तमान में नगर निगम में लाइट समिति की चेयरमेन है. इनके अलावा वार्ड 12 से पार्षद रश्मी सैनी को लेकर भी पिछले दिनों चर्चाएं जोरो पर थी. 2020 में मेयर के इलेक्शन में 150 में से 97 वोट भाजपा को मिले थे. और कांग्रेस की दिव्या सिंह को शिकस्त दी थी.  

सौम्या गुर्जर को 27 सितम्बर को किया था पद से बर्खास्त

राज्य सरकार ने जयपुर नगर निगम ग्रेटर की पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर को मेयर पद और पार्षद की सदस्यता से 27 सितम्बर को बर्खास्त किया था. 23 सितम्बर को आए सुप्रीम कोर्ट से आदेश आने के बाद राज्य सरकार ने ये एक्शन लिया था, जिसके बाद शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर बनाया था. पिछले दिनों सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर नगर निगम ग्रेटर में खाली हुए पद पर चुनाव करवाने के आग्रह किया था.  

ये था पूरा विवाद और यूं चला पूरा घटनाक्रम

4 जून 2021 को जयपुर नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय में मेयर सौम्या गुर्जर, तत्कालीन कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव और अन्य पार्षदों के बीच एक बैठक में विवाद हुआ. कमिश्नर से पार्षदों और मेयर की हॉट-टॉक हो गई. कमिश्नर बैठक को बीच में छोड़कर जाने लगे.

इस दौरान पार्षदों ने उन्हें गेट पर रोक दिया, जिसके बाद विवाद बढ़ गया. कमिश्नर ने पार्षदों पर मारपीट और धक्का-मुक्की करने का तीनों पार्षदों पर आरोप लगाते हुए सरकार को लिखित में शिकायत की और ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज करवाया.

5 जून को सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए मेयर सौम्या गुर्जर और पार्षद पारस जैन, अजय सिंह, शंकर शर्मा के खिलाफ मिली शिकायत की जांच स्वायत्त शासन निदेशालय की क्षेत्रिय निदेशक को सौंप दी.

6 जून को जांच रिपोर्ट में चारों को दोषी मानते हुए सरकार ने सभी (मेयर और तीनों पार्षदों को) पद से निलंबित कर दिया. इसी दिन सरकार ने इन सभी के खिलाफ न्यायिक जांच शुरू करवा दी.

7 जून को राज्य सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए पार्षद शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर बना दिया.

सरकार के निलंबन के फैसले को मेयर सौम्या गुर्जर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन 28 जून को हाईकोर्ट ने मेयर को निलंबन आदेश पर स्टे देने से मना कर दिया.

जुलाई में सौम्या गुर्जर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर न्यायिक जांच रूकरवाने और निलंबन आदेश पर स्टे की मांग की.

1 फरवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने निलंबन ऑर्डर को स्टे दे दिया, जिसके बाद 2 फरवरी को सौम्या गुर्जर ने वापस मेयर की कुर्सी संभाली थी.

11 अगस्त 2022 को सौम्या और 3 अन्य पार्षदों के खिलाफ न्यायिक जांच की रिपोर्ट आई, जिसमें सभी को दोषी माना गया.

22 अगस्त को सरकार ने वार्ड 72 से भाजपा के पार्षद पारस जैन, वार्ड 39 से अजय सिंह और वार्ड 103 से निर्दलीय शंकर शर्मा की सदस्यता को खत्म कर दिया है. इन पार्षदों को भी सरकार ने इसी न्यायिक जांच के आधार पर पद से हटाया है.

इसके बाद सरकार ने 23 सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर न्यायिक जांच की रिपोर्ट पेश की और मामले की जल्द सुनवाई की मांग की.

23 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद सरकार को कार्यवाही के लिए स्वतंत्र करते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया

बहरहाल, दो साल पहले 10 नवम्बर 2020 को नगर निगम ग्रेटर को शहरी सरकार की मुखिया मिली थी. और अब उपचुनाव में भी 10 नवम्बर को शहरी सरकार की मुखिया मिलने जा रही है.

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