President Rule Imposed in Manipur: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया था. उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.
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President rule in Manipur: मणिपुर में गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. चार दिन पहले मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया है. केंद्रीय शासन की घोषणा करते हुए गृह मंत्रालय के ज़रिए जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राय है कि 'ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जिसमें उस राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के मुताबिक नहीं चल सकती.'
अधिसूचना में कहा गया है,'अब संविधान के अनुच्छेद 356 के ज़रिए प्रदत्त शक्तियों और उस संबंध में मुझे सक्षम बनाने वाली अन्य सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैं घोषणा करता हूं कि मैं भारत के राष्ट्रपति के रूप में मणिपुर राज्य सरकार के सभी कार्यों और उस राज्य के राज्यपाल द्वारा निहित या प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों को अपने ऊपर लेता हूं.'
भारतीय जनता पार्टी के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा और विधायकों के बीच कई दौर की चर्चा के बावजूद भाजपा सीएम पद के लिए नए नेता के नाम की घोषणा करने में विफल रही. पात्रा ने पिछले दो दिन में राज्यपाल से दो बार मुलाकात की. पात्रा ने 11 फरवरी को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष ए. शारदा देवी के साथ भल्ला से बातचीत की और बुधवार को उन्होंने फिर राज्यपाल से मुलाकात की.
मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के लगभग 21 महीने बाद एन. बीरेन सिंह ने अपना पद छोड़ दिया था. इस हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए थे. केंद्र सरकार का कहना है कि वह मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर नजर बनाए हुए है. एन. बीरेन सिंह को राज्य में जातीय संघर्ष से निपटने के तरीके को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. उन्होंने पिछले वर्ष मणिपुर में हिंसा को लेकर जनता से माफी मांगी थी.
<इस बीच संकेत मिल रहे थे कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है. ऐसे में सीएम एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे को बड़े सियासी घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा था. सियासी चर्चाओं की मानें तो कांग्रेस मौजूदा नेतृत्व से नाराज कुछ भाजपा विधायकों की मदद से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार कर रही थी.
सीएम चेहरा ना दे पाने की वजह से कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी अपने ही मुख्यमंत्री का चुनाव नहीं कर पा रही है. कांग्रेस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम लोकेश्वर ने कहा,'संबित पात्रा का मणिपुर दौरा बेकार है. उन्होंने अब तक कोई बयान तक नहीं दिया.' हालांकि भाजपा विधायक करम श्याम ने कहा कि केंद्र सरकार और विधायक मिलकर इस समस्या का समाधान निकाल लेंगे. उन्होंने कहा,'मुझे राष्ट्रपति शासन के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन मुझे लगता है कि कोई संवैधानिक संकट नहीं है.'