ग्वालियर में 5 साल के बच्चे पर आवारा कुत्ते का महला, चेहरे पर 15 टांके आए
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ग्वालियर में 5 साल के बच्चे पर आवारा कुत्ते का महला, चेहरे पर 15 टांके आए

Gwalior News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर से हैरान करने वाली घटना सामने आई है. ग्वालियर शहर में आवारा कुत्तों का कहर जारी है. यहां एक आवारा कुत्ते ने 5 साल के मासूम बच्चे के चेहरे पर हमला कर दिया. आवारा कुत्ते ने मासूम बच्चे का गाल मांस सहित खा लिया. 

ग्वालियर में 5 साल के बच्चे पर आवारा कुत्ते का महला, चेहरे पर 15 टांके आए

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर से हैरान करने वाली घटना सामने आई है. ग्वालियर शहर में आवारा कुत्तों का कहर जारी है. यहां एक आवारा कुत्ते ने 5 साल के मासूम बच्चे के चेहरे पर हमला कर दिया. आवारा कुत्ते ने मासूम बच्चे का गाल मांस सहित खा लिया. मासूम बच्चे के चेहरे पर 15 टांके आए हैं. शहर में मासूम बच्चे पर आवारा कुत्तों के हमले का 15 दिन में दूसरा मामला है. मासूम बच्चे का तीन डॉक्टरों ने डेढ़ घंटे ऑपरेशन कर बचाया.

ग्वालियर में कई दिनों से आवारा कुत्तों का आतंक देखा जा रहा है. कुत्ते खासतौर पर 5 से 7 साल के बच्चों को निशाना बना रहे हैं.  जानकारी के मुताबिक, घटना गोल पहाड़िया इलाके की है. बच्चे का नाम नरसिम्हा है. सोमवार को उस पर एक आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया. बच्चा घर से बाहर बिस्किट खरीदने के लिए निकला था, दुकान से लौटने के दौरान उसे कुत्ते ने दौड़ाकर गिरा दिया. कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया और उसके गाल के मास को खा लिया. इस दौरान बच्ची की चीख पुकार सुनकर आपपास के लोग पहुंचे. इसके बाद बच्चे को किसी तरह बचाया जा सका.  

एक दिन में  डॉग बाइट के 413 मामले 
इसके बाद परिवार के लौग बच्चे को तुरंत न्यू जेएएच हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. डॉक्टर भी बच्चे की हालत देखकर दंग रह गए. उसके चेहरे पर गंभीर घाव था. आंख की रोशनी जाने का भी खतरा था, लेकिन दो डॉक्टरों की टीम ने डेढ़ घंटे के ऑपरेशन के बाद उसकी आंख बचा ली. हालांकि, गाल के घहरे घाव के चलते जल्द ही उसकी प्लास्टिक सर्जरी की जाएगी. बता दें कि अकेले ग्वालियर शहर में ही यह 16 दिनों में चौथी बड़ी घटना है. कुत्ते लगातार मासूम बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं. सिर्फ 10 फरवरी को ही शहर के तीन प्रमुख अस्पतालों में डॉग बाइट के 413 मामले दर्ज किए गए. बावूजूद इसके नगर निगम और प्रशासन इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है. शहर में आवारा कुत्तों की हिंसक प्रवृत्ति मासूम बच्चों के लिए बड़ा खतरा बनती जा रही है. नगर निगम सिर्फ मूकदर्शक बना हुआ है. 

 

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