Opium Cultivated in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में 'काले सोने' की खेती होती हैं, यह प्रदेश में तीन जिलों में होती है.
अफीम की खेती के लिए लाइसेंस लिया जाता है, यह प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश के मालवा इलाके में होती है, यहां किसान अफीम की खेती के लिए सरकार से लाइसेंस लेते हैं.
मालवा का मंदसौर जिला भारत में अफीम उत्पादन का प्रमुख केंद्र माना जाता है, इस जिले में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जाती है, जो मध्य प्रदेश में अफीम उत्पादन में पहला स्थान रखता है.
अफीम की खेती के लिए मंदसौर से सटा नीमच जिला भी बेहद प्रसिद्ध है, यहां अफीम से संबंधित सरकारी फैक्ट्री भी स्थित है, इस जिले में भी किसान बड़े पैमाने पर अफीम की फसल लगाते हैं.
रतलाम मध्य प्रदेश का प्रमुख जिला माना जाता है, यह तीसरा ऐसा जिला है, जहां अफीम का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है. यह जिला भी अफीम उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
शाजापुर जिला भी मालवा रीजन में आता है, इसमें भी अफीम की खेती होती है, लेकिन यहां के कुछ ही इलाके में अफीम लगाई जाती है.
उज्जैन जिले के कुछ हिस्से में भी अफीम की खेती होती है, जो रतलाम से लगा हुआ इलाका होता है वहां पर अफीम का उत्पादन किया जाता है.
मध्य प्रदेश में अफीम की खेती केंद्र सरकार के नारकोटिक्स विभाग की सख्त निगरानी में होती है और इसके लिए किसानों को विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होती है, इस बार भी प्रदेश में बंपर उत्पादन होने की उम्मीद है.
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