Jharkahnd News: बीजेपी का कहना है कि संविधान को मजबूत करने के लिए उनका अभियान बहुत जरूरी है. इसके तहत वे लोगों को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि बाबा साहेब का संविधान भारतीय समाज के लिए कितनी महत्वपूर्ण है. बीजेपी नेताओं का दावा है कि कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहेब का अपमान किया है और उनके योगदान को नजरअंदाज किया है.
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रांची: झारखंड में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर राजनीति का एक नया दौर शुरू हो गया है. राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस, अब बाबा साहेब के विचारों और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर आमने-सामने हैं. दोनों पार्टियां अपने-अपने तरीके से बाबा साहेब के योगदान को जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उनके नजरिए में भारी फर्क नजर आता है.
बीजेपी ने 15 जनवरी से संविधान गौरव अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत पार्टी गांव-गांव जाकर बाबा साहेब के संविधान निर्माण में योगदान और उसके महत्व को बताने का काम करेगी. बीजेपी का कहना है कि संविधान को मजबूत करने के लिए उनका अभियान जरूरी है और इसके तहत वे लोगों को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि बाबा साहेब का संविधान भारतीय समाज के लिए कितनी अहमियत रखता है. बीजेपी नेताओं का दावा है कि कांग्रेस ने बाबा साहेब का हमेशा अपमान किया है और उनके योगदान को नजरअंदाज किया.
वहीं, कांग्रेस ने भी आंबेडकर सम्मान मार्च की शुरुआत की है, जिसमें वे गांव-गांव जाकर बाबा साहेब की विचारधारा को प्रोत्साहित कर रहे हैं और साथ ही बीजेपी पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप भी लगा रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने संविधान को बदलने की धमकी दी है और हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में की गई टिप्पणी भी इस बात का प्रमाण है. कांग्रेस नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि संविधान को बचाने के लिए कांग्रेस हमेशा से प्रतिबद्ध रही है और बाबा साहेब के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता.
इस सियासी मुकाबले में बीजेपी और कांग्रेस दोनों अपने-अपने पक्ष में तर्क देने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे. बीजेपी नेता प्रतुल शाहदेव का कहना है कि कांग्रेस का संविधान के प्रति प्रेम दिखावा है, क्योंकि उन्होंने ही 1975 में संविधान को निलंबित किया था और बिना चुनाव के सत्ता हासिल की थी. वहीं, कांग्रेस के नेता विनय सिन्हा दीपू का कहना है कि बीजेपी संविधान को बदलने की कोशिश करती रही है और इसके लिए वह देश की जनता को भ्रमित कर रही है. साथ ही यह राजनीतिक संघर्ष अब झारखंड में हर गली, मोहल्ले और गांव में चर्चा का विषय बन चुका है. दोनों पार्टियां अपने-अपने तरीके से बाबा साहेब के योगदान को जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन असल सवाल यही है कि संविधान को बचाने का वास्तविक प्रयास कौन कर रहा है और कौन इसे कमजोर करने की दिशा में काम कर रहा है.
इनपुट - कामरान जलीली
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