Bihar Politics: बजट में बिहार को तवज्जो मिलने से विपक्ष को मिर्ची लग गई है. कांग्रेस के तमाम सांसदों ने इसका विरोध किया है. उनका कहना है कि सबकुछ बिहार को देने का काम किया गया है. वहीं बिहार में कांग्रेस के नेता इसे काफी नहीं बता रहे हैं, उन्हें और ज्यादा की उम्मीद थी. इस तरह से कांग्रेस का दोहरा रवैया सामने आया है.
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Bihar Politics: इस बार के बजट में बिहार को बहुत कुछ मिला है. इससे विपक्ष को मिर्ची लग गई है. सत्तापक्ष जहां इस बार के बजट की तारीफ करने से नहीं थक रहा है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे सिर्फ बिहार का बजट बता रहा है. कांग्रेस पार्टी ने भी बजट में बिहार को तवज्जो देने का विरोध किया है. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने तो यहां तक कह दिया कि बिहार जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, को घोषणाओं का खजाना मिला है, जबकि आंध्र प्रदेश का नजरअंदाज किया गया है. वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि जब आप देश की बजट की बात करते हैं तो सारे देश के लिए कुछ ना कुछ होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं यह समझने में नाकाम रहा कि यह भारत सरकार का बजट था या बिहार सरकार का? कांग्रेस सांसद तिवारी ने आगे कहा कि जिन बैसाखियों की मदद से सरकार चल रही, उन बैसाखियों की मदद करने के लिए पूरे मुल्क के विकास को दांव पर लगा दिया.
कांग्रेस के ही एक और सांसद किरण कुमार चामला ने कहा कि बजट में जब हम राज्यों के बारे में बात करते हैं तो हमने देखा है कि बिहार को बहुत महत्व दिया गया है, जबकि हम तेलंगाना जैसे राज्यों की भी उम्मीद कर रहे हैं कि इसे बहुत महत्व मिलना चाहिए. टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने बजट में बिहार को तवज्जो मिलने पर खुशी जताई, लेकिन इसे भी कम बताया. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बिहार मेरी ताकत है और मुझे बिहार के लिए प्रावधान देखकर अच्छा लगा, लेकिन अभी चुनाव का समय भी है, तो क्या यह बिहार को आगे ले जाने वाला चुनावी बजट था? बिहार में बुनियादी ढांचे का विकास अच्छा है, लेकिन क्या यह पर्याप्त है? पहले बताए गए बड़े विशेष पैकेजों का क्या हुआ? बिहार को ध्यान में रखते हुए यह बजट लॉलीपॉप जैसा लगता है. वहीं तेजस्वी यादव ने बिहार को विशेष पैकेज नहीं मिलने का दुख जताया. उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज देने की बात ही नहीं की गई. मुझे यकीन नहीं है कि वे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा भी देंगे या नहीं. आज का बजट बिहार के साथ अन्यायपूर्ण था. पिछले बजट में जो दिया गया था, उसे इस बार दोहराया गया है. ट्रेन का किराया महंगा हो रहा है. उसमें कोई राहत नहीं दी गई है.
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विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उन्हें आपत्ति है, तो वे 'एक देश, एक चुनाव' के प्रस्ताव का समर्थन करें, ताकि इस तरह की बहसों को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके. उन्होंने कहा कि हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि विकास कार्य नहीं किए जाएं? जेडीयू सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने विपक्षी दलों की आपत्तियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर बिहार को विकास परियोजनाएं मिली हैं, तो इसमें आपत्ति क्यों हो रही है? बिहार भी देश का हिस्सा है, और यहां के युवाओं और किसानों के हित में योजनाएं बनाई गई हैं.
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