1952 में मिला पहला CM, फिर कोई बना किंग.. कोई महारानी, कब-कब पलटी दिल्ली विधानसभा की बाजी?
Advertisement
trendingNow12632532

1952 में मिला पहला CM, फिर कोई बना किंग.. कोई महारानी, कब-कब पलटी दिल्ली विधानसभा की बाजी?

Delhi Chunav:दिल्ली की राजनीति ने भी कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. लंबे समय तक कांग्रेस का वर्चस्व रहा. बीच में बीजेपी ने भी अपना परचम लहराया. लेकिन 2013 के बाद दिल्ली का चुनावी जंग बदल गया. आप की एंट्री के बाद से बीजेपी और आप के बीच ही मुकाबला देखने को मिला. लेकिन इन सबके बीच दिल्ली ने काफी कुछ देखा.

1952 में मिला पहला CM, फिर कोई बना किंग.. कोई महारानी, कब-कब पलटी दिल्ली विधानसभा की बाजी?

Delhi Political History: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का दिल है दिल्ली.. दिल्ली में चुनाव हो रहे हैं. यहां के चुनाव देश के अन्य राज्यों से कई मायनों में अलग हैं. सत्ता की टकराहट और दिल्ली क लोगों की आवाज के बीच दिल्ली का चुनावी इतिहास बड़ा जोरदार है. आजादी के बाद से ही दिल्ली का राजनीतिक सफर कई मोड़ों से गुजरा है. 1952 में जब पहली विधानसभा बनी तब से लेकर अब तक दिल्ली ने कई बदलाव देखे हैं. हालांकि 1956 से 1993 तक दिल्ली की विधानसभा को भंग कर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस बीजेपी और अब आप पार्टी ने दबदबा बनाए रखा है. आइए एक झांकी दिल्ली के चुनावी इतिहास की भी देख लेते हैं. 

साल 1952... दिल्ली का पहला विधानसभा चुनाव

वो साल था 1951-52 का जब पहले विधानसभा चुनाव में दिल्ली में 42 निर्वाचन क्षेत्र थे और कुल 48 सीटें थीं. कांग्रेस ने 39 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि भारतीय जनसंघ ने पांच और सोशलिस्ट पार्टी ने दो सीटें जीतीं. पहली विधानसभा के मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश बने लेकिन उनके और तत्कालीन मुख्य आयुक्त एडी पंडित के बीच टकराव के चलते 1955 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद गुरुमुख निहाल सिंह नए मुख्यमंत्री बने. फिर इसी बीच 1956 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया और विधानसभा भंग कर दी गई.

उस दौर में पूर्ण राज्य बनने का किस्सा

साल 1966 में दिल्ली प्रशासन अधिनियम लाया गया जिससे 56 निर्वाचित और पांच नामांकित सदस्यों वाली 'मेट्रोपॉलिटन काउंसिल' बनी, लेकिन इसे सिर्फ सिफारिशी अधिकार मिले. लंबे संघर्ष के बाद 1991 में नरसिम्हा राव सरकार ने दिल्ली को सीमित अधिकारों के साथ एक विधानसभा देने का निर्णय लिया. 

फिर 1993 में विधानसभा की वापसी.. बीजेपी का परचम
इस निर्णय के बाद 1993 में 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी ने 49 सीटें जीतीं और मदन लाल खुराना मुख्यमंत्री बने. लेकिन 1995 में हवाला कांड में नाम आने के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा और साहिब सिंह वर्मा नए मुख्यमंत्री बने. 1998 में बीजेपी ने मुख्यमंत्री बदलकर सुषमा स्वराज को चुना लेकिन वह कांग्रेस की वापसी को रोक नहीं सकीं.

1998-2013: शीला दीक्षित का दौर

वो साल 1998 का था जब इस साल के चुनाव में कांग्रेस ने 52 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं. उन्होंने दिल्ली मेट्रो, फ्लाईओवर निर्माण और सीएनजी बसों जैसी कई योजनाओं को लागू कर शहर का चेहरा बदल दिया. 2003 और 2008 के चुनावों में भी कांग्रेस ने क्रमशः 47 और 43 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी. ये वो दौर था जब शीला दीक्षित के विरोधी उन्हें दिल्ली कांग्रेस की महारानी भी कहा करते थे.

2013: AAP का उदय और फिर त्रिशंकु विधानसभा
अन्ना हजारे के आंदोलन से निकली आप ने इस बार कमाल कर दिया. 2013 के चुनाव में बीजेपी ने 31, आम आदमी पार्टी (आप) ने 28 और कांग्रेस ने सिर्फ 8 सीटें जीतीं. कोई भी दल पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सका. बीजेपी सरकार बनाने में असमर्थ रही. जिसके बाद आप के अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के बाहरी समर्थन से सरकार बनाई. लेकिन 49 दिनों के बाद ही लोकपाल बिल पास न होने पर केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.

2015: आप की ऐतिहासिक जीत
ये साल दिल्ली के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ. 2015 के चुनाव में आप ने 70 में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया. बीजेपी सिर्फ 3 सीटों पर सिमट गई और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला. केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उनकी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली-पानी जैसे मुद्दों पर काम करने का वादा किया.

2020: फिर AAP की सत्ता में वापसी
साल 2020 के चुनाव में आप ने 62 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी. बीजेपी 8 सीटों तक सीमित रही और कांग्रेस का खाता फिर नहीं खुला. इन चुनावों में बीजेपी ने शाहीन बाग प्रदर्शन और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे उठाए गए. लेकिन जनता ने केजरीवाल की विकास नीति पर भरोसा जताया. अब 2025 के चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी वापसी कर पाएगी या आप अपनी पकड़ बनाए रखेगी.

Trending news