Rani Mukharjee Film: कई बार जब सीधी अंगुली से घी नहीं निकलता है तो अंगुली टेढ़ी करनी पड़ती है. असल जिंदगी में भी लोगों को अपने काम कराने के लिए टेढ़े रास्ते चुनने पड़ते हैं. रानी मुखर्जी जब एक बड़े प्रोड्यूसर की फिल्म साइन नहीं कर रही थीं, तो उसने दूसरा रास्ता चुना...
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Yash Raj Films: एक्टरों का जीवन सीधी लकीर पर नहीं चलता. वह कई उतार-चढ़ाव से गुजरता है और ऐसे दौर में उन्हें बहुत संयम बरतना पड़ता है. अपने फैसलों पर नए सिरे से सोचना पड़ता है. लेकिन इतना जरूर है कि जब वह सोच रहा हो तो आस-पास के लोग उसके साथ खड़े रहें. रानी मुखर्जी के करियर में भी ऐसा दौर आया था, जब वह गहरी सोच में पड़ गई थीं और उन्होंने करीब आठ महीने तक एक भी फिल्म साइन नहीं की थी. उन्हें शानदार स्क्रिप्ट का इंतजार था और वह मिल नहीं रही थी. उनके पास जो भी डायरेक्टर आता, वह उसकी फिल्म नकार देती थीं. फिर चाहे कितना ही बड़ा प्रोड्यूसर वह फिल्म प्रोड्यूस क्यों न कर रहा हो.
डबल जोखिम नहीं
यह दौर था, जब 1998 में कुछ कुछ होता है जैसी ब्लॉक बस्टर के तीन साल बाद तक उनकी कोई फिल्म हिट नहीं हुई थी. नई सदी भी आ चुकी थी और सिनेमा बदल रहा था. यह वही समय था जब हिंदी फिल्मों को लेकर दर्शकों की पसंद रही थी और किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर दर्शक क्या चाहते हैं. ऐसे ही समय में यशराज फिल्म्स से एक फिल्म रानी को ऑफर हुई. नाम था, साथिया (2002). डायरेक्टर नया था, शाद अली. बात यह थी कि इसी बैनर के लिए रानी पहले एक नए डायरेक्टर की फिल्म साइन कर चुकी थीं. फिल्म थी मुझसे दोस्ती करोगे (2002). डायरेक्टर थे, कुणाल कोहली. रानी दो नए डायरेक्टरों की फिल्में करने का जोखिम नहीं लेना चाहती थीं.
भेज दिया मम्मी-पापा को
रानी ने जब साथिया की स्क्रिप्ट सुनी तो तय किया कि वह इस फिल्म में काम नहीं करेंगी. जबकि यशराज फिल्म्स के सर्वेसर्वा यश चोपड़ा चाहते थे कि रानी मुखर्जी यह फिल्म करें. रानी खुद यश चोपड़ा को ना नहीं कहना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने माता-पिता को भेजा था कि जाकर उनका फैसला बता दें. रानी जब अपने घर में थीं, तभी उनके पास यश चोपड़ा का कॉल आया. उन्होंने रानी से कहा कि मैंने तुम्हारा माता-पिता को अपने ऑफिस में बंद कर दिया है. जब तक तुम मेरी यह फिल्म साइन नहीं करोगी, मैं उन्हें बाहर नहीं निकलने दूंगा. रानी के लिए यह अप्रत्याशित था. जबकि यश चोपड़ा का कहना था कि इस फिल्म को इंकार करके तुम बहुत बड़ी गलती कर रही हो.
दर्शकों की नई पसंद
आखिरकार रानी को यश चोपड़ा की जिद के आगे झुकना पड़ा. उन्होंने साथिया में काम किया. फिल्म के हीरो थे, विवेक ओबेराय. जो उन दिनों नए थे. बदलते हुए सिनेमा के दौर में साथिया में नए तरह के रोमांस को दर्शकों ने बहुत पसंद किया और फिल्म सफल रही. फिल्म के गाने चले और आज भी सुने जाते हैं. फिल्म ने रानी का करियर फिर से पटरी पर ला दिया और इसके बाद उन्होंने यशराज फिल्म्स के लिए कुछ और बढ़िया फिल्में की. हालांकि इस बीच उनकी मुझसे दोस्ती करोगे फ्लॉप रही. जिसमें ऋतिक रोशन और करीना कपूर भी थे. साथिया में शाहरुख खान और तब्बू का गेस्ट अपीयरेंस था. यह अकेली फिल्म है, जिसमें आप शाहरुख-तब्बू को साथ देख सकते हैं. विवेक ओबेराय और शाहरुख की भी यह एकमात्र फिल्म है, जिसमें वे साथ नजर आते हैं.