IITian बाबा: कर चुके हैं IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, डिजाइनिंग और फोटोग्राफी भी की, फिर खुद की तलाश में बन गए साधु
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IITian बाबा: कर चुके हैं IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, डिजाइनिंग और फोटोग्राफी भी की, फिर खुद की तलाश में बन गए साधु

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो चुकी है. इस मेले के पहले दिन ही करीब 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया. इसी मेले में एक आईआईटी बाबा भी चर्चा का विषय बने, जिन्होंने ज्ञान का असली मतलब बताया. यह बाबा IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं.

IITian बाबा: कर चुके हैं IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, डिजाइनिंग और फोटोग्राफी भी की, फिर खुद की तलाश में बन गए साधु

IITian Baba: महाकुंभ मेला 2025 की शुरुआत भव्य रूप से हुई, जहां पहले दिन ही 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया. इस मेले में साधु-संतों, नागा बाबाओं और दुनियाभर से आए धर्मगुरुओं की भीड़ देखी जा रही है. लेकिन इस बार एक खास साधु ने सबका ध्यान खींच लिया है. ये हैं 'IITian बाबा', जिनकी कहानी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है.

कौन हैं IITian बाबा?
IITian बाबा का असली नाम अभय सिंह है, जो अब 'मसानी गोरख' के नाम से जाने जाते हैं. हरियाणा के रहने वाले अभय ने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. लेकिन उन्होंने वैज्ञानिक दुनिया को छोड़कर आध्यात्म की राह पकड़ ली.

इंजीनियर से साधु बनने का सफर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मसानी गोरख ने बताया कि उन्होंने चार साल तक IIT बॉम्बे में पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने डिजाइन में मास्टर्स किया और कुछ समय तक फोटोग्राफी का काम भी किया. इसके अलावा वे फिजिक्स पढ़ाने वाले कोच भी रहे.

लेकिन वे खुद की तलाश में भटकते रहे. उन्होंने पोस्ट-मॉडर्निज्म, सुकरात और प्लेटो जैसे दार्शनिकों के विचारों का अध्ययन किया. लेकिन उनका मानना है कि असली ज्ञान आध्यात्म में है.

उन्होंने कहा, "अब मुझे समझ में आया कि असली ज्ञान क्या है. अगर मन और मानसिक स्वास्थ्य को समझना है, तो इसे आध्यात्म के जरिए ही समझा जा सकता है."

जब उनसे पूछा गया कि वे साधु बनने के इस पड़ाव तक कैसे पहुंचे, तो उन्होंने कहा, "यह सबसे अच्छा पड़ाव है." 

सोशल मीडिया पर वायरल हुई कहानी
IITian बाबा की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. कई लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, "पूरे ब्रह्मांड का ज्ञान हासिल करने के बाद भी खालीपन वही रहता है, जिसे शिव कहा जाता है. इसका जीता-जागता उदाहरण हैं हमारे IIT महाराज जी हैं."  

एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, "ये इंसान बहुत अच्छा और सच्चा है. इसमें किसी चीज का लालच नहीं है." वहीं, एक और कमेंट में कहा गया, "जिस IIT बॉम्बे में पढ़ने का सपना हर बच्चा देखता है, वहां से पढ़ाई करने के बाद भी बाबा जी ने सांसारिक चीजों का मोह छोड़ दिया. ये अद्भुत हैं."  

कुंभ मेला 2025 का खास महत्व
महा कुंभ मेला हर चार साल में भारत के चार अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया जाता है. यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है. इस बार का कुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित हो रहा है. ज्योतिषियों के मुताबिक, इस बार के कुंभ में ग्रहों की जो स्थिति बनी है, वो 144 सालों बाद हो रही है. यही कारण है कि इस बार का कुंभ मेला और भी खास माना जा रहा है.

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