बांग्लादेश ने दिखाई ड्रैगन को आंख, भारत के अरुणाचल और अक्साई चिन पर अटल! आखिर चीन को क्यों हो रहा दर्द?

Arunachal, Aksai Chin News: बांग्लादेश ने बच्चों को पढ़ाया सच को चीन को हो गया दर्द.  बांग्लादेश के शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तक बोर्ड ने कहा कि नई किताबों की छपाई की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, जिससे उनके पास सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Feb 12, 2025, 02:08 PM IST
बांग्लादेश ने दिखाई ड्रैगन को आंख, भारत के अरुणाचल और अक्साई चिन पर अटल! आखिर चीन को क्यों हो रहा दर्द?

Bangladesh showed eyes to china: भारत और चीन की कई इलाकों को लेकर दुश्मनी नई नहीं है. चीन अक्सर भारत के क्षेत्र को अपना बताता रहा है, लेकिन भारतीय सेना ने हमेशा घुसपैठ करने आई चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया. वहीं, दुनिया भी जानती है कि अरुणाचल व अक्साई चिन जैसे क्षेत्र भारत के हैं. ताजा मामले में बांग्लादेश ने ड्रैगन को आंख दिखा दी है, जिसकी चीन ने शिकायत भी की है.

चीन ने बांग्लादेशी किताबों पर आपत्ति जताई है जिसमें एशिया के मैप में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को भारत का हिस्सा दिखाया गया है. दरअसल चीनी राजनयिकों ने दावा किया कि बांग्लादेश ने चौथी कक्षा की किताबों और सर्वेक्षण विभाग की वेबसाइट पर 'गलत तरीके से इन दोनों क्षेत्रों को भारत के हिस्से के रूप में दर्शाया है', इसे 'तथ्यात्मक मिस्केट' कहा. हालांकि, बांग्लादेश ने फिलहाल कुछ भी सुनने से मना करते हुए कोई भी चेंज ना करने की बात कही है, जिससे चीन को मिर्ची लग गई है.

चीन ने लिखा था पत्र
बांग्लादेशी न्यूज Prothom Alo ने बताया, 'बीजिंग ने पिछले साल नवंबर में बांग्लादेश को एक पत्र भेजा था, जिसमें पाठ्यपुस्तकों और सर्वेक्षण विभाग की वेबसाइट पर प्रस्तुत मानचित्रों और जानकारी में सुधार का अनुरोध किया गया था.'

पत्र में चीन ने कहा कि बांग्लादेश और वैश्विक अध्ययन की किताबों में एशियाई क्षेत्र का एक मैप है जिसमें चीन और भारत के बीच क्षेत्रीय सीमाओं को 'गलत तरीके से चिह्नित' किया गया है, विशेष रूप से अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन के संबंध में.

आखिर अरुणाचल पर चीन को हमेशा क्यों दर्द होता है?
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जो पश्चिम में लद्दाख से लेकर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश तक फैली हुई है. चीन के पास लद्दाख में अक्साई चिन नामक एक बड़ा क्षेत्र है जिसे उसने भारत से 1962 के युद्ध में कब्जा लिया था और वह भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश को अपने तिब्बत प्रांत का हिस्सा बताता है. मालूम हो कि दोनों ही हिस्से भारत के हैं, जिनपर चीन गलत दावा करता आ रहा है और जब बांग्लादेश ने इस मैप में दिखाया तो ड्रैगन के आग लग गई.

जुलाई 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में हुई एक झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिकों और चार चीनी सैनिकों के मारे जाने के बाद शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों के बीच संबंध में और कठिनाई आ गईं. यह 45 वर्षों में पहली बार था जब सीमा पर झड़प में मौतें हुई थीं.

पिछले साल, भारत ने बताया कि उसने बीजिंग के साथ अपनी विवादित हिमालयी सीमा पर सैन्य गश्त पर एक समझौता किया है, जो गतिरोध को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

वापस आते हैं चीन के ऐतराज पर
वहीं, चीन ने नौवीं और 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए बांग्लादेश और वैश्विक अध्ययन की किताबों में ढाका के साथ व्यापारिक संबंधों वाले अलग-अलग देशों के रूप में हांगकांग और ताइवान के उल्लेख पर भी विवाद किया. दरअसल, बांग्लादेश ने हांगकांग और ताइवान को स्वतंत्र देशों के रूप में दिखाया है.

चीन ने ढाका से 'एक चीन' नीति का पालन करने को कहा है और एक दूसरे की 'संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता' के लिए आपसी सम्मान पर जोर दिया है.

बांग्लादेश का जवाब
पत्र के बाद दोनों देशों के राजनयिकों के बीच चर्चा हुई. बांग्लादेश के शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तक बोर्ड ने कहा कि नई किताबों की छपाई की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, जिससे उनके पास सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची है.

इस पर ढाका ने बीजिंग से इस मुद्दे पर दबाव न डालने का अनुरोध किया औरआश्वासन दिया कि इस मामले को बाद में समन्वित तरीके से संबोधित किया जाएगा. बांग्लादेश सरकार के एक अधिकारी ने रविवार को द डेली स्टार को बताया, 'हम यथास्थिति बनाए रख रहे हैं और फिलहाल कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं.'

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