नई दिल्लीः भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की धूम पूरी दुनिया में मची है. इसे इंडोनेशिया, मिडिल ईस्ट और साउथईस्ट एशिया के कई देश खरीदने की इच्छा जता रहे हैं. यह जानकारी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के चेयरपर्सन समीर वी. कामत ने मंगलवार को दी.
इंडोनेशिया दिखा रहा है रुचि
उन्होंने बताया कि इंडोनेशिया ने ब्रह्मोस मिसाइल में खास रुचि दिखाई है. इसे लेकर दोनों देशों के बीच जल्द ही बातचीत शुरू होगी. इंडोनेशियाई प्रतिनिधिमंडल जल्द ही भारत का दौरा कर सकता है. हालांकि इस डील को अंतिम रूप देने के लिए रूस की मंजूरी जरूरी होगी, क्योंकि ब्रह्मोस भारत और रूस का संयुक्त प्रोजेक्ट है.
रक्षा निर्यात बढ़ाने का है लक्ष्य
डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि भारत का रक्षा निर्यात अगले पांच वर्षों में दोगुने से तीन गुना तक हो सकता है. इस साल भारत 26 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उत्पाद निर्यात करने की उम्मीद कर रहा है. ये अगले साल 30 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. सरकार का लक्ष्य 2028-29 तक 50 हजार करोड़ रुपये और 2035 तक 1 लाख करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात तक पहुंचने का है.
भरोसेमंद है ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दुनिया की सबसे तेज और सटीक मिसाइलों में से एक मानी जाती है. इसे 2007 से ही भारतीय सेना के कई रेजिमेंट्स में शामिल किया गया है. इस मिसाइल ने भारत की रक्षा ताकत को और मजबूत किया है और यह दुनिया के कई देशों के लिए एक भरोसेमंद हथियार बन रही है.
फिलीपींस पहले ही खरीद चुका है
भारत ने फिलीपींस को पहले ही ब्रह्मोस मिसाइल बेच दी है. यह डील 335 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की थी और इसकी डिलीवरी भी शुरू हो चुकी है. इसके अलावा वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया और मिडिल ईस्ट के कई देशों ने भी ब्रह्मोस में रुचि दिखाई है. ब्रह्मोस मिसाइल न सिर्फ रक्षा क्षेत्र में भारत की ताकत को दिखाती है, बल्कि भारत को एक मजबूत रक्षा निर्यातक के रूप में भी स्थापित कर रही है.
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