जब CIA ने चली थी अनोखी चाल, 'पिशाच' की मदद से बचाया था फिलीपींस में तख्तापलट

खुफिया एजेंसियां सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी अपने दुश्मन पर बढ़त बनाने का प्रयास करती हैं. उनका एकमात्र लक्ष्य अपने दुश्मन को किसी भी तरह पटखनी देना होता है. ऐसे ही एक ऑपरेशन को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने फिलीपींस में संघर्ष के दौरान अंजाम दिया था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 12, 2025, 04:45 PM IST
  • क्या था वैंपायर प्रोजेक्ट?
  • क्या था हुकबलहाप विद्रोह
जब CIA ने चली थी अनोखी चाल, 'पिशाच' की मदद से बचाया था फिलीपींस में तख्तापलट

नई दिल्लीः खुफिया एजेंसियां सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी अपने दुश्मन पर बढ़त बनाने का प्रयास करती हैं. उनका एकमात्र लक्ष्य अपने दुश्मन को किसी भी तरह पटखनी देना होता है. ऐसे ही एक ऑपरेशन को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने फिलीपींस में संघर्ष के दौरान अंजाम दिया था. इससे विद्रोहियों में खलबली मच गई थी. वे डरकर भाग गए. इस तरह अमेरिका ने तख्तापलट होने से बचा लिया.

क्या था वैंपायर प्रोजेक्ट?

1950 के दशक में फिलीपींस की सरकार कम्युनिस्ट विद्रोहियों (हुकबलहाप) के हमलों से जूझ रही थी. इस संकट के दौरान अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) ने 'वैंपायर प्रोजेक्ट' नाम से एक गुप्त अभियान चलाया.

बताया जाता है कि हुकबलहाप विद्रोही अंधविश्वास और पारंपरिक मान्यताओं पर विश्वास करते थे. वे 'असवांग' नामक पिशाच जैसे प्राणियों से डरते थे. सीआईए ने उनके इस डर का फायदा उठाया और विद्रोहियों के इलाकों में उनके शवों से खून निकालकर लाशों को भयावह रूप देने की रणनीति अपनाई. 

सीआईए ने विद्रोही सैनिकों को पकड़कर जंगल में उल्टा लटका दिया. उनके गले में दांत के दो निशान बने थे और उनसे खून निकल रहा था. यह देखकर अफवाह फैली कि इन इलाकों में 'असवांग' मौजूद हैं, जिससे विद्रोहियों में दहशत फैल गई.

इस मनोवैज्ञानिक युद्ध के कारण विद्रोही अपने ठिकानों से भागने लगे और सरकार को तख्तापलट से बचने में मदद मिली. CIA के इस अनोखे ऑपरेशन ने बिना किसी बड़े सैन्य संघर्ष के फिलीपींस की स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई थी.

क्या था हुकबलहाप विद्रोह

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद फिलीपींस में हुकबलहाप (Hukbalahap) विद्रोह शुरू हुआ. यह विद्रोह कम्युनिस्ट गुरिल्ला लड़ाकों द्वारा किया गया था, जो जापानी कब्जे के खिलाफ लड़े थे और बाद में सरकार से संघर्ष करने लगे. उनका मानना था कि जमींदारों और अमीर वर्ग को फायदा पहुंचाने वाली सरकार किसानों और मजदूरों का शोषण कर रही थी. अमेरिका-समर्थित फिलीपीनी सरकार ने उनसे निपटने के लिए सीआईए और सैन्य रणनीतियों का सहारा लिया. 

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