भारत में है वो स्थान जहां पृथ्वी पर होती है सबसे अधिक बारिश, घरों में कैद रहते हैं लोग

Worlds Wettest Place: भारत के पूर्व में स्थित खासी हिल्स में स्थित मौसिनराम आधिकारिक तौर पर पृथ्वी पर सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान है, जहां प्रसिद्ध बूंदाबांदी वाले ग्लासगो से 11 गुना अधिक वर्षा होती है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Feb 3, 2025, 06:41 PM IST
भारत में है वो स्थान जहां पृथ्वी पर होती है सबसे अधिक बारिश, घरों में कैद रहते हैं लोग

Mawsynram: मौसिनराम पृथ्वी पर सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान है, जहां प्रतिवर्ष भारी वर्षा होती है. सबसे ज्यादा औसत वार्षिक वर्षा के लिए गिनीज रिकॉर्ड रखने वाले मेघालय के इस स्थान पर बंगाल की खाड़ी से नजदीक होने के कारण लगभग 11,873 मिलीमीटर बारिश हर साल दर्ज होती है. इस क्षेत्र के सर्दियों के महीने आने वाले छह महीने के मानसून की तैयारी में निकल जाते हैं.

बता दें कि पृथ्वी पर सबसे अधिक वर्षा वाला यह स्थान लंदन से 22 गुना अधिक गीला रहता है और अक्सर इतनी अधिक बूंदाबांदी होती है कि बाहर जाना बहुत खतरनाक साबित हो सकता है.

मौसिनराम एक ऐसा शहर है जो किसी भी अन्य शहर से अलग है. खासी पहाड़ियों के हरे-भरे जंगलों के बीच बसा यह एक खूबसूरत इलाका है, लेकिन यह पूरी तरह से पानी में रहने वाला इलाका है. जैसे कि बताया मौसिनराम में सालाना लगभग 11,873 मिमी वर्षा होती है, जो कि प्रसिद्ध गीले रहने वाले स्थान ग्लासगो में होने वाली 1,109 मिमी वर्षा से लगभग 11 गुना अधिक है और लंदन में हर साल होने वाली 585 मिमी वर्षा से 22 गुना अधिक है.

कैसे बाकी जगहों से अलग है यहां की बारिश?
मौसिनराम में बारिश ज़्यादातर जगहों पर होने वाली बारिश जैसी नहीं है. जब यह शुरू होती है तो कई बार यह कई दिनों तक नहीं रुकती. अक्सर पाया कि लगातार एक हफ्ते तक बारिश नहीं रुकी.

क्या चुनौतियां हैं?
मानसून की बारिश शुरू होने पर भूस्खलन और बाढ़ जीवन के लिए एक गंभीर खतरा बन जाते हैं, जबकि बिजली नियमित रूप से कट जाती है और ताजे पानी की आपूर्ति चरमरा जाती है. ऐसी जगह पर रहने के खतरों के अलावा, नमी की निरंतर प्रकृति के कारण कुछ लोग कहीं और जाने के लिए तरस रहे हैं.

भारी बारिश के समय बाहर जाना असंभव है. रोजाना की सैर नहीं कर सकते. कई बार बच्चे बारिश के दौरान स्कूल नहीं जा पाते.

क्यों होती है इतनी बारिश?
शहर में इतनी अधिक वर्षा होने के कई कारण हैं. यह समुद्र तल से 1,400 मीटर ऊपर स्थित है, जिसका अर्थ है कि शहर में उच्चभूमि जलवायु है जो मानसून के मौसम में बंगाल की खाड़ी से उठने वाली गर्म, नम हवा और खासी पहाड़ियों के संरेखण के कारण और भी तीव्र हो जाती है जो खाड़ी से हवा के प्रवाह को बाधित करती है.

मौसिनराम के निवासियों ने अनूठी रणनीति विकसित की है कि जिससे बारिश उनकी जीवनशैली को पूरी तरह से बाधित न करे. कई घरों को बारिश की तेज आवाजों से बचाने के लिए साउंडप्रूफ बनाया गया है. पूरे शरीर को ढकने वाले छाते जिन्हें नुप्स (Knups) कहा जाता है, बारिश से बचने का एक लोकप्रिय तरीका है. ये बड़े आकार के शंख जैसे हैं जो बांस और केले के पत्तों से बने होते हैं.

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