नई दिल्लीः जब भी केंद्रीय बजट पेश होता है तो लोगों की नजरें इस बात पर भी होती है कि सरकार ने किस देश के लिए कितनी सहायता राशि का ऐलान किया है, खासकर पड़ोसी देशों के लिए. भारत अपने बजट में विदेशी सहायता के मद में आवंटन करता है. हालांकि इस साल नई दिल्ली ने इस आवंटन को 5806 करोड़ रुपये से घटाकर 5483 करोड़ रुपये कर दिया है, लेकिन पड़ोसी देशों का पूरा ध्यान रखा है.
भारत ने मालदीव और अफगानिस्तान के लिए सहायता राशि में बढ़ोतरी की है जबकि बांग्लादेश से संबंधों में उतार-चढ़ाव के बाद भी मदद कम नहीं की है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्यों भारत अपने बजट में विदेशी सहायता के मद में आवंटन करता है?
परसेप्शन काफी मायने रखता है
एक्सपर्ट मानते हैं कि विदेश में की गई आर्थिक मदद एक तरह से निवेश के तौर पर ही होता है. यह मदद वहां रहने वाले आम लोगों तक पहुंचती है जिससे वहां मददगार देश की छवि काफी हद तक बदलती है. माना जाता है कि इंटरनेशनल रिलेशंस में परसेप्शन काफी मायने रखता है. ठीक यही बात भारत पर भी निर्भर करती है. इसलिए भारत ने बांग्लादेश के साथ रिश्तों में तल्खियों के बाद भी सहायता राशि में कमी नहीं की.
बांग्लादेश-मालदीव को कितनी सहायता
भारत ने 2024-25 के संशोधित बजट में बांग्लादेश के लिए 120 करोड़ रुपये की सहायता राशि रखी थी, जिसे 2025 के बजट में कम नहीं किया गया. भारत समझता है कि अगले 5 या 10 वर्षों में ढाका में नई दिल्ली के प्रति यही परसेप्शन न रहे. इसी तरह मालदीव के लिए भी भारत ने सहायता राशि देने के मामले में तनातनी को नजरअंदाज किया. भारत ने 2024-25 के संशोधित बजट आवंटन में मालदीव को 470 करोड़ रुपये की सहायता दी थी जिसे 2025-26 के बजट में बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
क्यों भारत करता है मदद
एक्सपर्ट मानते हैं कि क्षेत्रीय फ्रेमवर्क में आर्थिक मदद के जरिए ही शक्ति को परिभाषित किया जाता है. इस रीजनल फ्रेमवर्क में चीन आर्थिक रूप से शक्तिशाली देश है लेकिन वह बिना शर्त किसी की मदद नहीं करता है. ऐसे में इससे आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए भारत दूसरे देशों की मदद करता है.
भारत की ओर से अन्य देशों को के लिए मदद की बात करें तो श्रीलंका की सहायता राशि 300 करोड़ रुपये रखी गई है. नेपाल के लिए 700 करोड़ रुपये, म्यांमार के लिए 350 करोड़ रुपये, अफगानिस्तान के लिए 100 करोड़ रुपये और भूटान के लिए 2150 करोड़ रुपये की मदद देने का प्रावधान किया गया है.
यह भी पढ़िएः ईरान का 'सोता हुआ ज्वालामुखी' बढ़ाएगा अमेरिका-इजरायल की चिंता? सामने आया अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.