Iran latest news: स्थानीय निवासियों से कहा गया है कि जब तक हालात सामान्य न हो जाएं, तब तक लोग बाहु कलात नदी के किनारों और जंगल के इलाकों से दूर रहें. वरना जान का खतरा बढ़ सकता है.
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Iran Warns Flood-affected Regions To Beware Crocodiles: इजरायल ने ईरान को उसी के अंदाज में जवाब दिया. इजरायली फौजों (IDF) ने तेहरान समेत ईरान के आठ प्रमुख शहरों इस्फ़हान, फोरडो, अर्क, नतंज़, खर्ग आइसलैंड, बुशेहर, बांदर अब्बास को निशाना बनाया. ईरान के परमाणु प्लांट को भी टारगेट किया. इजरायल के हमले पर ईरान ने रिएक्ट किया है. खाड़ी में 'महायुद्ध' की आहट है. इस विनाशलीला के नतीजे क्या होंगे? कोई नहीं जानता. 13 अप्रैल को ईरान का इजरायल पर हमला हुआ जिसके 120 घंटे बाद इजरायल ने बदला लिया. इस हमले के बीच ईरान के लोगों पर नई मुसीबत मंडरा रही है. अचानक से ईरान के मगरमच्छ सुर्खियों में क्यों आ गए हैं, आइए जानते हैं.
ईरान पर नया खतरा
ईरान का इकोसिस्टम खतरे में है. जिस देश का पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में हो, वहां कुदरत की विनाशलीला का खतरा बढ़ जाता है. इस बीच ईरानी अफसरों ने खतरे की घंटी बजाते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि देश के दक्षिण-पूर्व के हिस्सों में आई बाढ़ के कारण सदियों से वहां रह रहे मगरमच्छों को उनके प्राकृतिक आवासों से पलायन करना पड़ रहा है.
ईरान पर कुदरत के डबल अटैक की बीच इजरायल ने लिया बदला
ईरानी राज्य समाचार एजेंसी आईआरएनए ने गुरुवार को बताया कि बाढ़ में तीन सड़क निर्माण श्रमिकों की मौत हो गई है, जो मध्य पूर्व में रिकॉर्ड तोड़ तूफान के बाद आई थी. मेहर न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश और बाढ़ से ईरानी के बंदर अब्बास, करमान और सिस्तान और बलूचिस्तान में हाहाकार मचा है.
घरों में मगरमच्छ घुसने का खतरा
दरअसल ईरान में कुदरत का कहर इस तरह टूटा है कि बांधों की क्षमता पूरी होने पर नदियां उफान पर आ गईं. बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ. लोग जरूरी कामों के लिए एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले तक जाने के लिए सड़कों पर नाव का सहारा ले रहे हैं. सिस्तान और बलूचिस्तान में पर्यावरण विभाग ने 'छोटी नाक वाले मगरमच्छों' को उनके प्राकृतिक आवास से बाहर निकालने के बारे में चिंताओं को उजागर करते हुए एक चेतावनी जारी की है.
स्थानीय निवासियों को एडवायजरी जारी करते हुए चेतावनी दी गई है कि जब तक बाढ़ का पानी पूरी तरह कम न हो जाए और हालात काबू में न आ जाएं, तब तक लोग बाहु कलात नदी के किनारों, नमी वाले इलाकों, दलदलों और जंगल के आस-पास के इलाकों की ओर अनावश्यक यात्रा न करें.
खाड़ी में कुदरत की विनाशलीला!
ईरान की वेदर एजेंसी के मुताबिक, ईरान और आस पास के एक बड़ा मौसम की मार से प्रभावित है. वहीं यूएई में इस हफ्ते 75 वर्षों में सबसे भारी बारिश हुई है. लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम काम कर रही हैं. ऐसी विषम परिष्थितियों में इजरायल के अटैक से ईरान को बड़ा नुकसान पहुंचने के कयास लगाए जा रहे हैं.