अमेरिका ने भारतीयों को जहाज में जंजीरों से क्यों बांधकर भेजा? विदेश मंत्री ने राज्यसभा में दिया जवाब
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अमेरिका ने भारतीयों को जहाज में जंजीरों से क्यों बांधकर भेजा? विदेश मंत्री ने राज्यसभा में दिया जवाब

S Jaishankar in Rajya Sabha: अमेरिका से लौटे 104 भारतीयों को लेकर संसद में गुरुवार को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला. जिसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुद राज्यसभा में आकर सवालों के जवाब दिए, साथ ही यह भी बताया कि भारतीयों के हाथ-पैर क्यों बांधे गए थे. 

अमेरिका ने भारतीयों को जहाज में जंजीरों से क्यों बांधकर भेजा? विदेश मंत्री ने राज्यसभा में दिया जवाब

S Jaishankar in Rajya Sabha: अमेरिका से भारतीयों की वापसी को लेकर संसद में मचे बवाल को शांत करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बयान दिया, साथ ही यह भी बताया कि क्यों इन सभी भारतीयों को अमेरिकी वायु सेना के विमान में हाथ-पैर बांधकर बैठाया गया था? एस जयशंकर ने बताया,'यह सभी देशों की जिम्मेदारी है कि अगर उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे पाए जाते हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाए.' एस जयशंकर ने आगे कहा,'अमेरिका में लोगों को वापस भेजने (डिपोर्ट करने) की प्रक्रिया वहां की इमिग्रेशन और कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) अथॉरिटी करती है.'

क्यों बांधे गए थे भारतीयों के हाथ-पैर?

भारतीयों के जंजीरों से हाथ-पैर बांधने को लेकर मचे विवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा,'2012 से लागू एक नियम के मुताबिक जब लोगों को विमान से वापस भेजा जाता है, तो उन्हें सुरक्षा के लिए बांधकर (रिस्ट्रेन) रखा जाता है, लेकिन ICE ने हमें बताया है कि महिलाएं और बच्चे इस प्रक्रिया से मुक्त होते हैं, यानी उन्हें नहीं बांधा जाता.' हालांकि एस जयशंकर ने आगे कहा,'हम अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह यकीनी बनाया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो.'

इससे पहले संसद में क्या हुआ?

इससे पहले सदन में हंगामे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि उन्होंने खुद तय किया है कि इस मुद्दे पर मंत्री का बयान होना चाहिए. मुझे खुशी है कि विदेश मंत्री ने खुद मेरी अनुमति मांगी और संकेत दिया कि वह बयान देंगे. मैं सदन की अलग-अलग पार्टियों के नेताओं को बोलने का मौका दूंगा. इस पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने सरकार को इस मुद्दे पर बयान देने का निर्देश दिया तब जाकर सरकार ने उसे माना. खड़गे ने आगे कहा,'सरकार खुद से इस मुद्दे पर बयान नहीं देना चाहती थी. आपका प्रभाव इतना हो गया कि आखिर उन्हें सहमत होना पड़ गया.' हालांकि धनखड़ ने कहा,'मेरा प्रभाव इतना रहा कि मंत्री ने खुद ही आकर यह कह दिया.'

विपक्षी सांसदों ने दिए नोटिस

इससे पहले विपक्ष के कई नेताओं ने चर्चा के लिए सदन मे नोटिस दिया था. उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें प्रवासी भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किए जाने, महाकुंभ में कथित कुप्रबंधन समेत अन्य मुद्दों पर नियम 267 के तहत चर्चा के लिए कुल 13 नोटिस मिले हैं. नोटिस देने वालों में कांग्रेस के अनिल कुमार यादव, शक्तिसिंह गोहिल, प्रमोद तिवारी, रेणुका चौधरी और अशोक सिंह, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के संतोष कुमार पी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वी शिवदासन शामिल थे.

हंगामे के बाद स्थगित करनी पड़ी राज्यसभा

हालांकि उपसभापति ने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए. इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वाम दलों आदि के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया. उपसाभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी-अपनी जगह पर बैठने और शून्यकाल ठीक से चलने देने का अनुरोध किया. हंगामा जारी रहता देख उन्होंने 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

अमेरिका से अमृतसर पहुंचे 104 भारतीय

बता दें कि अमेरिका का एक सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर बुधवार दोपहर अमृतसर में मौजूद श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. निर्वासित लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा दो चंडीगढ़ से हैं. निर्वासित किये गये लोगों में 19 महिलाएं और चार वर्षीय एक लड़का, पांच व सात वर्षीय दो लड़कियों समेत 13 नाबालिग शामिल हैं.

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