Pitra Stotra in hindi: माघ महीने में मौनी अमावस्या पड़ता है जिसका बहुत महत्व बताया गया है. मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान भी है. इस दान ध्यान का महत्व तो है ही लेकिन पितरों की पूजा कर अगर पितृ स्त्रोत का पाठ करें तो लाभ होता है.
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Pitra Stotra On Mauni Amavasya 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में (Mauni Amavasya 2025) मौनी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को है. माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. इस दिन पितृ शांति के लिए अलग अलग उपाय किए जा रहे हैं. महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान भी इसी दिन है. मौनी अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करने के बारे में बताया जाता है. इस ध्यान दान करने का बहुत महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या तिथि पर अगर पितरों की उपासना की जाए तो सभी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. पितरों की कृपा से साधक के सभी काम संपन्न होने लगते हैं. घर के सदस्यों के स्वास्थ्य में भी सुधार होने लगता है. इस दिन सुबह स्नान ध्यान के बाद अगर पितृ स्तोत्र किया जाए तो इसका विशेष लाभ होता है. पितृ प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. ये हैं पितृ स्तोत्र-
।।पितृ स्तोत्र।
अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् । नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ।।
इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा । सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् । ।
मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा । तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि ।।
नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा । द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।
देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् । अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलि: ।।
प्रजापते: कश्पाय सोमाय वरुणाय च । योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।
नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु । स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ।।
सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा । नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ।।
अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् । अग्रीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत: ।।
ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तय: । जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण: ।।
तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतामनस: । नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज ।।
काले तिल का दान
मौनी अमावस्या के दिन अगर काले तिल का दान किया जाए जो इसे उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि अमावस्या की तिथि पर अगर तिल का दान करें तो पितरों की आत्मा मुक्त हो जाती है. धन लाभ के योग भी बनते हैं हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)