आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहतमंद रहना किसी चुनौती से कम नहीं है. बदलती लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खान-पान और तनाव के कारण शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है, जिससे बीमारियां हमें आसानी से घेर लेती हैं. ऐसे में अगर दिन की शुरुआत सही आदतों के साथ की जाए, तो शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ और एनर्जेटिक रखा जा सकता है. आयुर्वेद में कुछ खास मॉर्निंग रिचुअल्स बताए गए हैं, जो शरीर को डिटॉक्स करने, इम्यूनिटी को मजबूत बनाने और लंबी आयु बढ़ाने में मदद करते हैं. आइए जानते हैं वे 5 आयुर्वेदिक आदतें जो हर किसी को अपनानी चाहिए.
आयुर्वेद के अनुसार, हमें सूर्योदय से पहले, यानी ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:30 से 6:00 बजे के बीच) जागना चाहिए. यह समय सबसे शुद्ध और ऊर्जावान माना जाता है. एक स्टडी के अनुसार, सुबह जल्दी उठने से शरीर की एनर्जी बैलेंस रहती है, मानसिक स्पष्टता बढ़ती है और शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक नेचर के अनुसार सही ढंग से काम करता है.
सुबह उठते ही ठंडे पानी से आंखों और चेहरे को धोना बहुत जरूरी है. यह प्रक्रिया शरीर में संचित टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और इंद्रियों को जागृत करने में मदद करती है. आयुर्वेद में आँखों को त्रिफला या गुलाब जल से धोने की सलाह दी जाती है, जिससे दृष्टि तेज होती है और आंखों में ड्राइनेस नहीं होती.
आयुर्वेद में जीभ की सफाई को बेहद जरूरी माना गया है. रातभर जीभ पर जमा हुए 'आम' (टॉक्सिन्स) को हटाने के लिए कॉपर या स्टील के टंग स्क्रैपर का इस्तेमाल करना चाहिए. यह प्रक्रिया मुंह में बैक्टीरिया को कम करने, पाचन को बेहतर बनाने और स्वाद को सही बनाए रखने में मदद करती है. अगर जीभ की सफाई न की जाए तो यह शरीर में टॉक्सिन्स जमा करने लगती है, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं.
प्राणायाम आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत करता है. सुबह के समय अनुलोम-विलोम जैसे ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलती है, फेफड़े डिटॉक्स होते हैं और तनाव कम होता है. 2014 की एक रिसर्च के अनुसार, योग और प्राणायाम करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, जिससे वे लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार, मसाले न केवल स्वाद बढ़ाने के लिए बल्कि हेल्थ के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं. सुबह हल्दी, अदरक और काली मिर्च से बना गुनगुना पानी पीने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, लिवर मजबूत रहता है और इम्यूनिटी बढ़ती है. इन मसालों में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को संक्रमण और गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं.
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