G20 Summit: चीनी विदेश मंत्रालय सोमवार को यह घोषणा की कि प्रधानमंत्री ली कियांग 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली, भारत में आयोजित होने वाले 18वें जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
Trending Photos
India-China Relations: चीन ने यह साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति शी जिनिपिंग जी-20 नई दिल्ली सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा भारत गणराज्य की सरकार के निमंत्रण पर, राज्य परिषद के प्रधानमंत्री ली कियांग 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली, भारत में आयोजित होने वाले 18वें जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि शी जिनपिंग आखिर क्यों जी-20 शिखर सम्मेलन में किनारा कर लिया. हालांकि यह पहली बार नहीं जब वह किसी जी-20 शिखर सम्मेलन में गैर हाजिर होंगे. 2021 में भी उन्होंने इटली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था. कोविड-19 की रोकथाम के लिए चीन द्वारा लागू प्रतिबंधों के कारण वह इसमें हिस्सा नहीं ले सके थे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
कुछ एक्सपर्ट्स ऐसी राय रखते हैं कि की जी20 नई दिल्ली सम्मेलन से जिनपिंग की दूरी चीन की किसी चाल का हिस्सा हो सकती है. भारत की वरिष्ठ पत्रकार आरती टिक्कू ने जिन्हें विदेश मामलों खासतौर से कश्मीर मुद्दे का विद्वान माना जाता है, उन्हों एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में इस मुद्दे पर कई अहम बातें की हैं.
आरती चीन खुद को दूसरों से श्रेष्ठ मानता है और लगाता विस्तारवाद नीति अपना रहा है. उनके मुताबिक भारत और चीन के बीच जारी टेंशन की वजह से जिनपिंग ने जी20 में शामिल न होने का फैसला लिया है.
गौरतलब है कि गलवान संघर्ष के बाद से ही चीन-भारत के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे. दोनों के रिश्तों में तल्खी पिछले दिनों तब बढ़ गई जब चीन ने नया नक्शा जारी किया और ऐसे कुछ हिस्सों को अपने क्षेत्र में दिखाया जिन्हें भारत अपना मानता है.
'चीन को घमंड है कि...'
आरती के मुताबिक चीन को घमंड है कि वही श्रेष्ठ है और उसे इस बात से कहीं न कहीं परेशानी है कि जी20 सम्मेलन के बाद भारत एक नई शक्ति के तौर पर उभर रहा है.