नामज पढ़ने से पहले नमाजियों ने पास में मौजूद एक सार्वजनिक स्थान पर वुजू किया और इसके बाद अधिवक्ता जफर सिद्दीकी के घर पर नामज पढ़ने के लिए जाने वाले थे. हालांकि, वुजू के दौरान कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और कहा कि ये सार्वजनिक स्थान है धार्मिक नहीं.
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बिहार और पश्चिम बंगाल के बाद उत्तराखंड में भी रमजान के दौरान बवाल की खबर है. नैनीताल के हल्द्वानी में नमाज से पहले किए जाने वाले वुजू को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए. इस बवाल के बाद पुलिस ने 800 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. हल्द्वानी में एक सार्वजनिक स्थान पर वुजू करने को लेकर बवाल हो गया जिसके बाद दो समुदायों के बीच तनातनी हो गई.
घटना हल्द्वानी के भोटियापड़ाव क्षेत्र की है, जहां सोमवार की शाम को दो गुटों के बीच उस समय हिंसा देखने को मिली जब हिंदु संगठनों के कुछ लोगों ने मुस्लिम धार्मिक गतिविधियों के खिलाफ विरोध जताया. ये गतिविधि वहीं के आवास विकास कालोनी में चल रही थी.
यहां पर नामज पढ़ने से पहले नमाजियों ने पास में मौजूद एक सार्वजनिक स्थान पर वुजू किया और इसके बाद अधिवक्ता जफर सिद्दीकी के घर पर नामज पढ़ने के लिए जाने वाले थे. हालांकि, वुजू के दौरान कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और कहा कि ये सार्वजनिक स्थान है धार्मिक नहीं.
दरअसल, नमाज पढ़ने से पहले हाथ-पैर तथा मुंह धोया जाता है जिसे वुजू कहा जाता है. मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि एक हिंदु संगठन के कुछ लोग वहां जुट गए थे और उन्होंने इमाम शाहिद हुसैन को थप्पड़ मार दिया था. इसके बाद तनाव और बढ़ गया.
थप्पड़ कांड के बाद इमाम शआहिद हुसैन ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाया. इसके बाद, अधिकवक्ता जफर सिद्दीकी (जिनके घर नमाज पढ़ी जानी थी) ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद मामला और बढ़ गया.
भोटियापड़ाव पुलिस थाने के थानाध्यक्ष हरेंद्र चौधरी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि अधिकवक्ता का घर अवैध रूप से बना हुआ है. इसके बाद थानाध्यक्ष हरेंद्र चौधरी ने उनके घर को सील कर दिया और दोनों गुट के लोगों को थाने लेकर आए. इसके बाद मामले में करीब 800 लोगों के खिलाफ हिंसा में संलिप्ट होने के आरोप में केस दर्ज कर लिया गया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.