वित्त-मंत्रालय की रिपोर्ट में भी USAID फंड का जिक्र, इधर बीजेपी-कांग्रेस में छिड़ा है संग्राम!
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वित्त-मंत्रालय की रिपोर्ट में भी USAID फंड का जिक्र, इधर बीजेपी-कांग्रेस में छिड़ा है संग्राम!

USAID Fund: बीजेपी ने कांग्रेस से जवाब मांगा है कि वह विदेशी संगठनों और वित्तीय हस्तक्षेप का समर्थन क्यों कर रही है. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया है. इस पूरे विवाद के बीच दोनों दल सोशल मीडिया पर भी आमने-सामने हैं.

वित्त-मंत्रालय की रिपोर्ट में भी USAID फंड का जिक्र, इधर बीजेपी-कांग्रेस में छिड़ा है संग्राम!

USAID funding India: अमेरिकी एजेंसी USAID की फंडिंग का जिन्न शांत होता नहीं दिख रहा है. इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी संग्राम तेज हो गया है. कांग्रेस का दावा है कि वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी ने इस मुद्दे पर जनता को गुमराह किया है. दूसरी ओर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर विदेशी ताकतों के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया है.

कांग्रेस ने साधा बीजेपी पर निशाना
असल में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर वित्त मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट साझा करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री द्वारा फैलाया गया झूठ अब उजागर हो गया है. रिपोर्ट के अनुसार यूएसएआईडी वर्तमान में भारत सरकार के सहयोग से सात परियोजनाओं को वित्तपोषित कर रहा है, जिनका संयुक्त बजट 750 मिलियन डॉलर लगभग 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर है. रमेश के अनुसार इनमें से किसी भी परियोजना का 'वोटर टर्नआउट' मतदान में वृद्धि से कोई लेना-देना नहीं है.

उधर बीजेपी का पलटवार
इन सबके बीच बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यूएसएआईडी की ये परियोजनाएं सरकार-से-सरकार भागीदारी के तहत पारदर्शी रूप से चलाई जा रही हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि ये परियोजनाएं 2010-11 में शुरू हुई थीं और कांग्रेस के कार्यकाल में भी इनका संचालन हुआ था. मालवीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विदेशी संगठनों और गुप्त दानदाताओं का समर्थन कर रही है जिनका उद्देश्य भारत के लोकतंत्र को प्रभावित करना है.

यूएसएआईडी फंडिंग पर ट्रंप और डीओजीई
इस विवाद को और हवा तब मिली जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि जो बाइडेन प्रशासन के तहत यूएसएआईडी ने भारत को 'वोटर टर्नआउट' बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर करीब 175 करोड़ रुपये दिए थे. इस दावे का एलन मस्क के नेतृत्व वाले डीओजीई डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी ने भी समर्थन किया. हालांकि कांग्रेस ने इस दावे को पूरी तरह से निराधार बताया और बीजेपी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया.

फिलहाल सियासी आरोप-प्रत्यारोप जारी
बीजेपी ने कांग्रेस से जवाब मांगा है कि वह विदेशी संगठनों और वित्तीय हस्तक्षेप का समर्थन क्यों कर रही है. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया है. इस पूरे विवाद के बीच दोनों दल सोशल मीडिया पर भी आमने-सामने हैं. यूएसएआईडी फंडिंग का यह विवाद फिलहाल ठंडा होता नहीं दिख रहा है. यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है. एजेंसी इनपुट

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