Navratri 2022: वैष्णो देवी की यात्रा के बीच में भक्तों को ज्वाला देवी से लाई गई ज्वाला के दर्शन भी कराए जाते हैं. इस ज्योति को लाने के लिए नवरात्रि के चार दिन पहले कमेटी के सदस्य ज्वाला देवी मंदिर जाते हैं.
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: एक किलोमीटर तक लम्बी कतारों के बीच माता रानी के जयकारों के उद्घोष के बीच बच्चे, बूढ़े और नौजवान पुरुष और महिलाएं माता वैष्णो देवी और अमरनाथ के बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लाइनों में लगे थे. श्रद्धा और अटूट विश्वास के इस दृश्य को देखते ही बन रहा है. दरअसल बीते 18 सालों की तरह इस बार भी आवास विकास कॉलोनी में स्थित बड़ा पार्क में दुर्गा पूजा समिति द्वारा मां वैष्णो देवी का भव्य दरबार सजाया गया है. इस बार झांकी को बेहद आकर्षक बनाया गया है. नवरात्रि भर यहां दुर्गा पूजा समिति द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
मां वैष्णों देवी की यात्रा जैसी ही अनुभूति
इस झांकी के दर्शन करने के दौरान मां वैष्णों देवी की यात्रा जैसी ही अनुभूति होती है. यहां भी पहाड़ पर चढ़ाई के साथ गुफा के बीच से गुजरना पड़ता है. पहाड़ और गुफाओं से गुजरते हुए पहले अमरनाथ गुफा में बर्फ से बनें शिवलिंग के दर्शन मिलते हैं. बाबा बर्फानी के दर्शन के बाद श्रृद्धालुओं की यात्रा पहाड़ों पर अन्दर ही अन्दर आगे बढ़ती है. तब जाकर मां वैष्णो देवी के दर्शन होते हैं. यह पूरी यात्रा पहाड़ों के रास्ते ही भक्तों को करनी होती है, जिससे भक्तों का मन भाव विभोर हो उठता है.
होते हैं मां ज्वाला के दर्शन
वैष्णो देवी की यात्रा के बीच में भक्तों को ज्वाला देवी से लाई गई ज्वाला के दर्शन भी कराए जाते हैं. इस ज्योति को लाने के लिए नवरात्रि के चार दिन पहले कमेटी के सदस्य ज्वाला देवी मंदिर जाते हैं. ज्वाला बुझने न दी जाये इसका खास प्रबंधन किया जाता है. ऐसे में जो लोग मां वैष्णो देवी के दर्शन करने जम्मू नहीं पहुंच पाते, उनके लिए बड़ा पार्क की यह झांकी दर्शन मां वैष्णो देवी की यात्रा की अनुभूति कराती है.
आते हैं अलग-अलग जगह के श्रद्धालु
एक अनुमान के मुताबिक इस झांकी को देखने के लिए और माता रानी का दर्शन करने के लिए गांव से लेकर शहर तक के लाखों श्रद्धालु आते हैं. खास बात यह यह कि इतने बड़े स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में व्यवस्था एकदम चुस्त और दुरुस्त रहती है. यही वजह है आज तक यहां कोई भी अप्रिय घटनाएं सुनने को नहीं मिलती हैं.
सूत मिल में काम करने वाले संजय गुप्ता नाम के शख्स पहले सूतमिल कॉलोनी में रहते थे. वह वहीं नवरात्रि में मूर्ति रखकर पूजा-अर्चना करते थे. आवास विकास कालोनी में आने के बाद साल 2005 में उन्होंने कॉलोनी के लोगों से नवरात्र में मां वैष्णो देवी की झांकी सजाने की मंशा व्यक्त की. संजय गुप्ता की इच्छा स्थानीय लोगों के सहयोग से सच हो गई और श्री दुर्गा पूजा समिति का गठन हुआ. तब से लेकर लगातार जनसहयोग से यह आयोजन अपना आकार बढ़ता ही रहा. अब लाखों की संख्या में भक्त यहां दर्शन को आते हैं.
18 सालों से सफल आयोजन
श्री दुर्गा पूजा समिति के उपाध्यक्ष प्रशांत पांडेय के मुताबिक मां वैष्णो देवी का दरबार सजाने के लिए कभी भी पैसों की कमी नहीं पड़ी. सभी लोग अपनी श्रद्धा से आर्थिक सहयोग करते हैं. कोशिश की गई है कि इस बार कार्यक्रम और बेहतर रहे. वहीं कोषाध्यक्ष अंकुर ने बताया कि मां वैष्णों देवी के पंडाल में नवरात्रि भर सेवा करने से मन को शांति मिलती है और आत्मबल मजबूत होता है. मां वैष्णो की कृपा से सारे कार्य सफलता पूर्वक होते हैं. यही कारण है यह कांरवा बढ़ता ही रहा और लोग जुड़ते गए. प्रमुख ट्रस्टी सत्यवान वर्मा ने बताया कि 18 साल से मां वैष्णो देवी का दरबार सजा रहा हूं. हर बार झांकी में और बेहतरी आती है. श्री दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारियों के साथ ही जनमानस का सहयोग आयोजन को भव्यता प्रदान करता है.
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