Dhanu Sankranti 2022: हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है......पूरे एक माह के होने वाले इस मास में किसी भी मांगलिक कार्य को करने की मनाही होती है....
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Dhanu Sankranti 2022: हिंदू धर्म में साल भर पड़ने वाली 12 संक्रांतियों में से एक धनु संक्रांति का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व बताया गया है. जब सूर्य ग्रह किसी राशि में प्रवेश करते हैं, तो वह संक्रांति कहलाता है. इस दिन से ही खरमास शुरू हो जाता है. खरमास लगने के साथ ही एक माह के लिए विवाह जैसे मांगलिक कार्यों पर विराम लगा जाता है. सूर्य के धनु राशि में रहने से खरमास लगता है. इस वर्ष 16 दिसंबर 2022 को धनु संक्रांति है.
धनु संक्रांति 2022 की तिथि
धनु संक्रांति तिथि- 16 दिसंबर 2022-दिन शुक्रवार
16 दिसंबर-सुबह 10 बजकर 11 मिनट पर शुरू
धनु संक्रांति तिथि समाप्ति- शाम 03 बजकर 42 मिनट पर
जानें धनु संक्रांति का महत्व
जब सूर्य गोचर करके धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तब खरमास लगता है. खरमास को मलमास भी कहा जाता हैं. एक महीने तक सूर्य धनु राशि में रहते हैं. जिसके कारण इस काल में विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. यानी की कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है. इस समय को शुभ नहीं माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि धनु संक्रांति को समृद्धि के लिए अच्छा काल नहीं है.
धनु संक्रांति पूजा की विधि
धनु संक्रांति काल में भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. सबसे पहले इस दिन भोर होने के साथ ही स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर तैयार हो जाएं. इसके बाद भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य दें. इसके बाद उन्हें और धूप और फूल अर्पित करें. भगवान का ध्यान करें. सूर्य देव के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करनी चाहिए.इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आरती करनी चाहिए. इसके अलावा पुण्य प्राप्त करने के लिए भगवान सत्यनारायण की कथा सुननी चाहिए, इससे आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है. Astrology, Dharma Aastha
इसलिए बंद होते हैं शुभ काम
ऐसा कहा जाता है कि खरमास में सूर्य का स्वभाव उग्र हो जाता है. सूर्य के कमजोर स्थिति में होने की वजह से इस महीने शुभ कामों पर पाबंदी लग जाती है. ज्योतिषियों की मानें तो गुरु देव बृहस्पति धनु राशि के स्वामी हैं.गुरु का अपनी ही राशि में प्रवेश इंसान के लिए ठीक नहीं होता है. ऐसा होने पर लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर पड़ जाता है. इस राशि में सूर्य के कमजोर होने कारण इसे मलमास कहते हैं.
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