500 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य हासिल करेगा भारत, यूपी बनेगा बड़ा हब
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500 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य हासिल करेगा भारत, यूपी बनेगा बड़ा हब

नई दिल्ली। एजेंसी भारत 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य हासिल करता है, इसके लिए रिसर्च-डेवलपमेंट एंड इनोवेशन बेहद जरूरी है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को आईईईएमए की ओर से आयोजित एलेक्रामा 2025 सम्मेलन में ये बात कही.

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नई दिल्ली। एजेंसी भारत 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य हासिल करता है, इसके लिए रिसर्च-डेवलपमेंट एंड इनोवेशन बेहद जरूरी है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को आईईईएमए की ओर से आयोजित एलेक्रामा 2025 सम्मेलन में ये बात कही. उन्होंने कहा कि रिन्यूवेबल एनर्जी भारत का इकोनॉमिक ग्रोथ इंजन के लिए सबसे बड़ा ईंधन है. 

ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्री बॉडी इंडियन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IEEMA) के कार्यक्रम में मनोहर लाल ने कहा कि भारत में पावर सेक्टर का भविष्य काफी अच्छा है. ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए इनोवेटिव तरीकों पर ध्यान देने की जरूरत है.ग्रीन एनर्जी का लाभ उठाने के लिए एडवांस पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, किफायती ट्रांसफार्मर और पावर कन्वर्टर्स के साथ स्मार्ट ग्रिड सॉल्यूशंस के विकास की जरूरत है.

रिन्यूवेबल सेक्टर को भारत के विकास का इंजन बनाने के लिए इंडस्ट्री और सरकार का संयुक्त प्रयास जरूरी है.भारत 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है, लेकिन इसमें उद्योग और सरकार दोनों मिलकर काम करना होगा. भारत ने 2014 से अपनी रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को 2.81 गुना बढ़ाकर 200 गीगावाट कर लिया है.मनोहर लाल ने कहा कि इस दौरान भारत ने सौर ऊर्जा क्षमता को 38 गुना बढ़ाकर 100 गीगावाट से अधिक पहुंचाया है. 

उन्होंने देश के ऊर्जा ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क में सुधार पर भी जोर दिया और इंडस्ट्री के खिलाड़ियों से ग्रिड को आधुनिक बनाने के लिए गैस इंसुलेटेड स्विचगियर (जीआईएस) सबस्टेशन जैसे उच्च दक्षता वाले उपकरण विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया. ई मोबिलिटी बड़ा अवसर है और उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ परिवहन का समर्थन करने के लिए देश को अधिक बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन, फास्ट चार्जर और वाहन-टू-ग्रिड सिस्टम की आवश्यकता है. सरकार निवेशकों को पूर्ण सहायता प्रदान करेगी और उन्हें इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं और पहलों का लाभ उठाना चाहिए.

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