Male Periods: क्या आप जानते हैं कि मर्दों को भी पीरियड्स से गुजरना पड़ता है, महिलाओं की तरह झेलना पड़ता है दर्द
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1717896

Male Periods: क्या आप जानते हैं कि मर्दों को भी पीरियड्स से गुजरना पड़ता है, महिलाओं की तरह झेलना पड़ता है दर्द

Do men get periods: पुरुषों के शरीर में भी कुछ ऐसे बदलाव आते हैं कि उन्हें पीरियड्स जैसी दिक्कतें होने लगती हैं. एक समय ऐसा आता है कि पुरुषों को भी डिप्रेशन, थकान, मूड स्विंग जैसी दिक्कतों से रूबरू होना पड़ता है. ऐसे सिचुएशन को वैज्ञानिक ने एक नाम दिया है. आइए इस बारे में और विस्तार से जानते हैं.

Male Periods (फाइल फोटो)

Male Periods : मासिक धर्म (Periods) टर्म सुनते ही दिमाग में महिलाओं का ख्याल आता है. महिलाएं हर महीने मासिक धर्म से गुजरती हैं और इस दौरान इससे संबंधित परेशानियां को भी झेलती हैं. लेकिन क्या आ जानते हैं कि एक समय ऐसा भी आता है जब पुरुषों को भी पीरियड्स जैसी परेशानी से दो चार होना पड़ता है. क्या पुरुष भी पीरियड्स के प्रॉसेस से गुजरते हैं. 

दरअसल, महिलाओं के जैसे ही पुरुष भी शरीरिक रूप से हार्मोनल चेंज को अनुभव करते हैं जिसके कारण जो भी दिक्कतें महिलाओं को पीरियड्स के समय होती है वैसी दिक्कत पुरुषों को भी होती है. महिलओं की तरह ही  प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षण तो दिखते हैं पुरुषों में लेकिन महिलाओं की तरह उन्हें ब्लीडिंग नहीं होती है. हां इतना जरूर है कि महसूस पीरियड्स की तरह ही होता है. यही वजह है कि ऐसी स्थिति को मेल पीरियड्स कहा जाता है और मेडिकल टर्म में इरिटेबल मेल सिंड्रोम (IMS) के रूप में इसे जाना जाता है. 

IMS के बारे में 
अतिसंवेदनशीलता, हताशा, चिंता व क्रोध की सिचुएशन को इरिटेबल मेल सिंड्रोम (IMS) कहा जाता है. ऐसी स्थिति यह सिंड्रोम पुरुषों के मौजूद एक हार्मोन के कारण होता है जिसका नाम टेस्टोस्टेरोन हार्मोन हैं. इसी उतार-चढ़ाव से ऐसी स्थिति बनती है. ऐसी स्थिति 24 घंटे तक रह सकता है. पुरुषों की प्रजनन क्षमता सही करने में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की भूमिका होती है और इससे शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है. 

ज्यादा स्ट्रेस होता है घातक 
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में उथल पुथल मचने से मानसिक तनाव पैदा होता है. और ऐसी स्थिति में उनको भी महिलाओं की तरह हर मंथ मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन जैसा महसूस होता है. 

हार्मोन्स का संतुलन कैसे बना रहेगा? 
अनहेल्दी आदतें छोड़ दें और असंतुलित जीवनशैली को ठीक करें साथ ही शारीरिक गतिविधियों को और तेज करें. डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर संबंधी परेशानी भी लापरवाही का ही नतीजा है. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में पीरियड्स जैसे लक्षण वाला इरिटेबल मेल सिंड्रोम देखने को मिलता है.

कम नींद भी एक वजह
नींद पूरी ले ताकि शारीरिक व मानसिक बीमारियों से दूर रह सकें. नींद पूरी नहीं करने से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में अनबैलेंस्ड हो जाता है. जिससे इरिटेबल मेल सिंड्रोम के पुरुष  शिकार होते हैं. 

वजन पर पड़ सकता है असर
वजन कम ज्यादा होने बाहरी और आंतरिक दोनों तरह के बदलाव होते हैं. वजन बार-बार कम - ज्यादा हुआ तो टेस्टोस्टेरोन का लेवल भी फ्लक्चुएट करेगा. ऐसे में अपने वजन पर काम करें और इसे स्थिर रखने की कोशिश करें ताकि मेल पीरियड्स जैसा महसूस नहीं करना पड़े. 

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी है. किसी भी उपाय को आजमाने से पहले डॉक्टर से राय लें. दवा या इलाज का रिप्लेसमेंट ये जानकारियां नहीं हैं. 

और पढ़ें- Lucknow News : महज इतने रुपये में कर सकते हैं 7 ज्योतिर्लिंग की यात्रा, सावन से करालें पैकेज की बुकिंग

और पढ़ें- World No Tobacco Day 2023: तंबाकू निषेध दिवस की इस कारण हुई थी शुरुआत, इसके इतिहास, थीम और महत्व को अभी जानिए

वीडियो देंखे- Delhi Murder Case : कत्ल की वो रात, जब साहिल ने नाबालिग को 20 बार चाकू से गोदा, पत्थर से कुचला

Trending news