'भयभीत न होना..ये धर्म युद्ध' दरबार पहुंचे संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया को प्रेमानंद महाराज ने पढ़ाया पाठ
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'भयभीत न होना..ये धर्म युद्ध' दरबार पहुंचे संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया को प्रेमानंद महाराज ने पढ़ाया पाठ

Sambhal DM Meet Premanand Maharaj: संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में पहुंचे. जहां प्रेमानंद महाराज ने डीएम को निर्भीक , निष्पक्ष होकर संभल में प्रशासनिक कर्तव्यों के निर्वाह का पाठ पढ़ाया.

Sambhal DM Meet Premanand Maharaj

Sambhal DM Meet Premanand Maharaj (सुनील सिंह): संभल में पौराणिक मंदिरों, कूप और अन्य धार्मिक स्थलों को प्राचीन स्वरूप में लाएं जाने और जामा मस्जिद मामले में एक्शन को लेकर अपने तेज तर्रार अंदाज और ऑन द स्पॉट फैसलों के लिए सुर्खियों में चल रहे संभल जिले के डीएम IAS राजेंद्र पेंसिया का प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में पहुंचने का वायरल वीडियो सुर्खियों में है.

'ये धर्म युद्ध है. निर्भीक होकर करें काम'
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रेमानंद महाराज के साथ संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया के साथ बातचीत में प्रेमानंद महाराज कह रहे हैं कि आपको राष्ट्र सेवा का अवसर मिला है, यह धर्म युद्ध है, निर्भीक होकर अपने दायित्व का निर्वाह करें. कर्तव्य के निर्वाह के दौरान प्रलोभन, लोभ से कर्तव्य में त्रुटि न हो. डीएम राजेंद्र प्रसाद भी प्रेमानंद महाराज को यह भी बताते नजर आ रहे हैं कि वह प्रशासनिक कार्यों के साथ प्रतिदिन सुबह डेढ़ घंटे पूजा पाठ के साथ रात को प्रतिदिन 40 मिनट गीता पाठ करते हैं. संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में पहुंचे डी एम राजेंद्र पेंसिया का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

देखें वीडियो-  Sambhal DM Video: 'भयभीत मत होना..' दरबार पहुंचे संभल डीएम को प्रेमानंद महाराज ने दी ये नसीहत

प्रेमानंद महाराज ने कहा, "भगवत कृपा से ही हर सेवा मिलती है. इसका भगवत कृपा से निर्वाह करते रहना. भय-प्रलोभन से प्रभावित या भयभीत न होना. अपने अधिकार अनुसार राष्ट्र की सेवा करो. भगवान का स्मरण करते हुए जीवन व्यतीत करो. जीवन का लक्ष्य भगवान की प्राप्ति है. भगवान की प्राप्ति के लिए हमें विरक्त भाव से भजन करने को दिया है. आपको दिया कि जिला संभालिए. जैसे हम नाम जप करते जीवन यापन कर रहे हैं वैसे ही आपको जो पद मिला है आप उसका ईमानदारी से निर्वाह करते हैं तो आप महात्मा हैं."

प्रेमानंद महाराज ने कहा, "अर्जुन ने कहा कि मैं संन्यास लेकर भजन करूंगा. इस पर भगवान कहते हैं नहीं, इस समय धर्मयुद्ध आया है. उसको कर्तव्युक्त करो. कर्तव्य को गीता में प्राथमिकता दी गई है. आपके कर्त्तव्य में कोई त्रुटि नहीं होनी चाहिए. आप उत्तम अधिकारी तो बनेंगे ही, यही भगवान की आराधना बन जाएगी. यही मनुष्य जीवन की सार्थकता है." प्रेमानंद महाराज के नाम जप को लेकर पूछने पर बताया कि रात के समय गीता का पाठ और सुबह डेढ़ घंटा पूजा होती है.

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