UP Bijli Vibhag: छापेमारी के समय विजलेंस टीम के उपभोक्ताओं को परेशान करने वाली समस्याओं को हल करने व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एक बड़ा निर्णय पावर कारपोरेशन की ओर से लिया गया है.
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लखनऊ: बिजली चोरी को रोकने या पकड़ने को लेकर वैसे तो कई कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन दूसरी ओर बिजली चोरी को रोकने के लिए विजलेंस टीम अब जब भी छापेमारी करेगी तो इस पूरी कार्रवाई को कैमरे में कैद किया जाएगा. यूपी पावर कारपोरेशन ने इस बारे में बड़ा फैसला करते हुए बाडी वार्न कैमरे से जांच टीमों को लैस करने का निर्णय लिया है. कंट्रोल रूप से जांच टीम के द्वारा की जा रही छापेमारी की पूरी कार्रवाई पर नजर रखी जाएगी साथ ही उनकी जीपीएस लोकेशन, आडियो-वीडियो सबकुछ रिकार्ड भी किया जाता रहेगा.
कैमरे की खरीद
दरअसल, छापेमारी के समय विजलेंस टीम के उपभोक्ताओं को परेशान करने जैसी समस्याओं का हल व भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए पावर कारपोरेशन की ओर से इस तरह का फैसला लिया गया है. पहले चरण में ही 300 बाडी वार्न कैमरे खरीदने का फैसला पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने कर लिया है. ध्यान देने वाली बात है कि बिजली वितरण के लिए कैमरे की खरीद की जवाबदेही मध्यांचल को दे दी गई है.
प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में
बार्डी वार्न कैमरों में बैटरी बैकअप आठ घंटे तक का होगा, कैमरा आधुनिक तकनीकी से लैस होगा. इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि रिकार्डिंग में कोई भी दिक्कत न आए. विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष है अवधेश कुमार वर्मा जिन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है. बता दें कि 88 विजिलेंस टीम प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में हैं.