Hardoi Advocate Murder Case : हरदोई का चर्चित अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा मर्डर केस में पुलिस ने सपा जिलाध्यक्ष और एक शूटर समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक प्रॉपर्टी विवाद में अधिवक्ता की भाड़े के शूटरों से सुपारी देकर हत्या कराई गई थी.
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Hardoi : हरदोई पुलिस ने चर्चित अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा मर्डर केस का खुलासा किया है. अधिवक्ता की हत्या के आरोप में पुलिस ने पूर्व सपा जिलाध्यक्ष और एक शूटर समेत 5 को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक प्रॉपर्टी विवाद में अधिवक्ता की भाड़े के शूटरों से सुपारी देकर हत्या कराई गई थी.
सपा जिलाध्यक्ष समेत चार लोगों ने एक प्रापर्टी खरीदी थी जिसमें बतौर किराएदार अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा रहा करते थे. हत्यारोपी अधिवक्ता पर घर खाली करने का दबाव बना रहे थे जबकि अधिवक्ता घर खाली करने को तैयार नहीं थे. इसी को लेकर भाड़े के शूटरों से संपर्क किया गया जिसके बाद शूटरों ने अधिवक्ता के घर में घुसकर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी.
बीती रात पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान एक शूटर को गिरफ्तार किया था. आज सपा नेता समेत गिरफ्तार सभी 5 आरोपियों को पुलिस जेल भेजने की तैयारी में जुटी है जबकि हत्या में वांछित दो शूटर समेत 3 अभी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है.
कोर्ट मैरिज के बहाने आए थे मिलने
हरदोई पुलिस ने कोतवाली शहर क्षेत्र के सिनेमा चौराहा लखनऊ रोड पर रहने वाले 71 वर्षीय सीनियर अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की हत्या के आरोप में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह यादव वीरे, शहर के सराय थोक पश्चिमी के रहने वाले आदित्यभान सिंह, रामनगर निवासी नृपेंद्र त्रिपाठी टीटू, धर्मशाला रोड के रहने वाले शिखर गुप्ता और एक शूटर नीरज को गिरफ्तार किया है. बीते 30 जुलाई को कोर्ट मैरिज करने के बहाने मिलने आए दो शूटरों ने अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या कर दी थी और अपने तीसरे साथी के साथ बाइक पर बैठकर फरार हो गए थे.
घर खाली करने का दबाव
अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा जिस कोठी में बतौर किराएदार रहते थे इसको समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह यादव बीरे, नृपेंद्र त्रिपाठी उर्फ टीटू, शिखर गुप्ता और आदित्यभान सिंह ने विगत 2011 में खरीदा था. अभी के समय में 12000 स्क्वायर फीट में स्थित कोठी की कीमत करीब 6 से 7 करोड रुपए थी. कोठी में रहने वाले अन्य किराएदारों ने बिक्री के बाद घर खाली कर दिया था जबकि अधिवक्ता वहीं पर रह रहे थे. अधिवक्ता पर घर खाली करने का दबाव बनाया जा रहा था लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं थे. कई सालों से यह विवाद चला आ रहा था.
1 लाख 40 हजार रुपए भाड़े के शूटर
पुलिस की माने तो आदित्य भान सिंह ने कोतवाली शहर के जोगीपुर के रहने वाले रामू महावत से सुपारी किलिंग के लिए संपर्क किया था. रामू महावत ने शूटर राजवीर,लल्ला और नीरज को हत्या की जिम्मेदारी सौंपी थी. 4 लाख रुपए में अधिवक्ता की हत्या का सौदा हुआ था. 1 लाख 40 हजार रुपए भाड़े के शूटरों को नकद दिए गए थे, जिनमे 50 हजार रुपए बीरे यादव, 50 हजार नृपेंद्र त्रिपाठी, 40 हजार आदित्यभान सिंह ने दिए थे जबकि शिखर गुप्ता ने हत्या हो जाने के बाद अपने हिस्से का रुपया देने की बात कही थी. जिसके बाद शूटरों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. हत्या से पहले शूटरों ने शराब पी थी जिसका सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिला था.
पुलिस को मिली सीसीटीवी फुटेज
हत्या की वारदात के बाद शूटर नीरज ने एक सैलून पर जाकर अपने बाल छोटे कराए थे. सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस के जरिए पुलिस ने सबूत एकत्रित कर शूटर को गिरफतार कर पूछताछ की तो अधिवक्ता मर्डर केस की सारी कहानी खुलकर सामने आ गई. बीती रात पुलिस ने शूटर नीरज को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था. अब पुलिस अधिवक्ता हत्याकांड में गिरफ्तार सपा जिलाध्यक्ष और शूटर समेत 5 आरोपियों को जेल भेजने की तैयारी में जुटी हैं. जबकि दो शूटर समेत तीन की अभी तलाश की जा रही है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही फरार अभियुक्तों गिरफ्तारी की जाएगी.
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